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प्रमुख वन संरक्षक द्वारा आदेश का पालन नहीं करने पर HC सख्त, दिए ये निर्देश - प्रमुख वन संरक्षक को पेश होने के आदेश

नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रमुख वन संरक्षक को 8 नवंबर तक पेश होने के आदेश दिए हैं. पेश नहीं होने की स्थिति में पूर्व के आदेशों का पालन करने के लिए कहा है. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

Nainital High Court
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Published : Oct 1, 2021, 6:07 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर प्रमुख वन संरक्षक को लेकर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने आदेश दिये हैं कि या तो 8 नवंबर तक आदेश का पालन करें या फिर इसी तिथि को कोर्ट में पेश हों. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार भरत सिंह, गब्बर सिंह समेत 32 अन्य लोगों ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर 2020 को सरकार की लगभग 130 स्पेशल अपीलों को निरस्त करते हुए निर्देश दिए थे कि वन विभाग में विभिन्न वन प्रभागों में कार्यरत दैनिक श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन व अन्य भत्ते दें. लेकिन अभी तक विभाग ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने भी उनके पक्ष में निर्णय दिया था. जिसके बाद सरकार ने स्पेशल अपील दायर कर चुनौती दी थी.

पढ़ें- एवलॉन्च की चपेट में आया माउंट त्रिशूल फतह करने गया नौसेना का दल, 5 पर्वतारोही सुरक्षित, 5 लापता

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वर्षों से वन विभाग में अलग-अलग वन प्रभागों में दैनिक श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे हैं. लेकिन उनको समान कार्य, समान वेतन और अन्य भत्ते नियमित कर्मचारियों की तरह नहीं दिये जा रहे हैं. इसको लेकर उनके द्वारा 2016-17-18 में विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी. न्यायालय के आदेश होने के उपरांत भी उनको यह लाभ नहीं दिया जा रहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने आदेश का पालन नहीं करने पर प्रमुख वन संरक्षक को लेकर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने आदेश दिये हैं कि या तो 8 नवंबर तक आदेश का पालन करें या फिर इसी तिथि को कोर्ट में पेश हों. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार भरत सिंह, गब्बर सिंह समेत 32 अन्य लोगों ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर 2020 को सरकार की लगभग 130 स्पेशल अपीलों को निरस्त करते हुए निर्देश दिए थे कि वन विभाग में विभिन्न वन प्रभागों में कार्यरत दैनिक श्रमिकों को समान कार्य समान वेतन व अन्य भत्ते दें. लेकिन अभी तक विभाग ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने भी उनके पक्ष में निर्णय दिया था. जिसके बाद सरकार ने स्पेशल अपील दायर कर चुनौती दी थी.

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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वर्षों से वन विभाग में अलग-अलग वन प्रभागों में दैनिक श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे हैं. लेकिन उनको समान कार्य, समान वेतन और अन्य भत्ते नियमित कर्मचारियों की तरह नहीं दिये जा रहे हैं. इसको लेकर उनके द्वारा 2016-17-18 में विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी. न्यायालय के आदेश होने के उपरांत भी उनको यह लाभ नहीं दिया जा रहा है.

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