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HC ने सचिव वक्फ बोर्ड को दिए याचिकाकर्ता की शिकायत को 30 दिन के अंदर निस्तारित करने के आदेश

इकराम अली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि इमाम शरीफ अहमद द्वारा पिरान कलियर व किलकिली दरगाह का पिछले पांच सालों से दान पात्रों का टेंडर नहीं किया है. जिसके कारण वक्फ बोर्ड को बहुत नुकसान हुआ है. जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव वक्फ बोर्ड को आदेश दिया.

Uttarakhand High Court Nainital
उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल
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Published : Apr 5, 2022, 8:28 AM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुड़की के पिरान कलियर व किलकिली दरगाह मे इमाम द्वारा दानपात्रों का ठेका नहीं कराने व रोजाना दुकानों को अपने चेहतों के दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव वक्फ बोर्ड को आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को 30 दिन के भीतर विधि अनुसार निस्तारित करें. साथ में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आदेश की प्रति व अपनी सभी शिकायतें एक प्रत्यावेदन बनाकर दस दिन के भीतर सचिव वक्फ बोर्ड देहरादून को दें.

मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायाधीश आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने जनहित याचिका अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है. मामले के अनुसार रुड़की निवासी इकराम अली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि इमाम शरीफ अहमद द्वारा पिरान कलियर व किलकिली दरगाह का पिछले पांच सालों से दान पात्रों का टेंडर नहीं किया है. जिसके कारण वक्फ बोर्ड को बहुत नुकसान हुआ है.

पढ़ें-विवेक भारती शर्मा होंगे नैनीताल हाईकोर्ट के नए रजिस्ट्रार जनरल, प्रदेश भर में जजों के हुए तबादले

इमाम द्वारा दानपात्रों के चढ़ावे को अपने लोगों को दिया जा रहा है और यहां लगने वाली दुकानों को भी अपने रिश्तेदारों को प्रतिदिन के हिसाब से दिया जा रहा है. इमाम द्वारा पिछले पांच साल के आय-व्यय का हिसाब भी नहीं दिया जा रहा है. इससे पहले वक्फ बोर्ड द्वारा इसके लिए टेंडर निकाला जाता था. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कोर्ट से अपील की है कि दानपात्रों, चढ़ने वाले चढ़ावे व प्रसाद के लिए टेंडर निकाला जाए और इमाम से पिछले पांच साल के आय-व्यय का हिसाब मांगा जाए.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुड़की के पिरान कलियर व किलकिली दरगाह मे इमाम द्वारा दानपात्रों का ठेका नहीं कराने व रोजाना दुकानों को अपने चेहतों के दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सचिव वक्फ बोर्ड को आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को 30 दिन के भीतर विधि अनुसार निस्तारित करें. साथ में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आदेश की प्रति व अपनी सभी शिकायतें एक प्रत्यावेदन बनाकर दस दिन के भीतर सचिव वक्फ बोर्ड देहरादून को दें.

मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायाधीश आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने जनहित याचिका अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है. मामले के अनुसार रुड़की निवासी इकराम अली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि इमाम शरीफ अहमद द्वारा पिरान कलियर व किलकिली दरगाह का पिछले पांच सालों से दान पात्रों का टेंडर नहीं किया है. जिसके कारण वक्फ बोर्ड को बहुत नुकसान हुआ है.

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इमाम द्वारा दानपात्रों के चढ़ावे को अपने लोगों को दिया जा रहा है और यहां लगने वाली दुकानों को भी अपने रिश्तेदारों को प्रतिदिन के हिसाब से दिया जा रहा है. इमाम द्वारा पिछले पांच साल के आय-व्यय का हिसाब भी नहीं दिया जा रहा है. इससे पहले वक्फ बोर्ड द्वारा इसके लिए टेंडर निकाला जाता था. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कोर्ट से अपील की है कि दानपात्रों, चढ़ने वाले चढ़ावे व प्रसाद के लिए टेंडर निकाला जाए और इमाम से पिछले पांच साल के आय-व्यय का हिसाब मांगा जाए.

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