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महिला अस्पताल में सुविधाओं का टोटा, इधर-उधर भटकने को मजबूर मरीज

हल्द्वानी में मुख्यमंत्री ने 28 नवंबर 2018 को महिला अस्पताल का उद्घाटन किया गया था. वर्तमान में इस अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं का अभाव होने के कारण मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Nov 15, 2019, 10:53 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 11:04 PM IST

महिला अस्पताल में सुविधाओं का टोटा

हल्द्वानी: साल 2018 की 28 नवंबर को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 100 बेड वाले महिला अस्पताल का उद्घाटन किया था, लेकिन अस्पताल में न तो बुनियादी सुविधाएं हैं और ना ही डॉक्टर. वहीं, जो डॉक्टर हैं वो अक्सर छुट्टी पर ही रहते हैं, जिसके चलते मरीजों को ओपीडी में घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.

बता दें कि 16 करोड़ रुपये लागत से 100 बेड वह ये छह मंजिला महिला अस्पताल बनाया गया था. लेकिन उद्घाटन के बाद से ही इस अस्पताल में मात्र 30 बेड ही हैं. साथ ही यहां डॉक्टरों के अलावा मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है. ऐसे में इस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी भारती राणा ने बताया कि इस अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, नर्स, पैथोलॉजिस्ट सहित करीब 33 पद खाली हैं. ऐसे में मात्र 10 कर्मियों के सहारे ही अस्पताल का काम चल रहा है.

ये भी पढ़ें: शराब के नशे में टल्ली रहते हैं मास्साब, 10वीं फेल पत्नी लेती है क्लास

वहीं, पूरे मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार अस्पताल में 6 डॉक्टर वर्तमान में तैनात हैं. इसके अलावा जो पद रिक्त हैं इसके लिए प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. ऐसे में जल्द ही अन्य डॉक्टरों की नियुक्ति भी कर दी जाएगी.

हल्द्वानी: साल 2018 की 28 नवंबर को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 100 बेड वाले महिला अस्पताल का उद्घाटन किया था, लेकिन अस्पताल में न तो बुनियादी सुविधाएं हैं और ना ही डॉक्टर. वहीं, जो डॉक्टर हैं वो अक्सर छुट्टी पर ही रहते हैं, जिसके चलते मरीजों को ओपीडी में घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है.

बता दें कि 16 करोड़ रुपये लागत से 100 बेड वह ये छह मंजिला महिला अस्पताल बनाया गया था. लेकिन उद्घाटन के बाद से ही इस अस्पताल में मात्र 30 बेड ही हैं. साथ ही यहां डॉक्टरों के अलावा मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा है. ऐसे में इस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी भारती राणा ने बताया कि इस अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, नर्स, पैथोलॉजिस्ट सहित करीब 33 पद खाली हैं. ऐसे में मात्र 10 कर्मियों के सहारे ही अस्पताल का काम चल रहा है.

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वहीं, पूरे मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार अस्पताल में 6 डॉक्टर वर्तमान में तैनात हैं. इसके अलावा जो पद रिक्त हैं इसके लिए प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. ऐसे में जल्द ही अन्य डॉक्टरों की नियुक्ति भी कर दी जाएगी.

Intro:sammry- 100 बैड का महिला अस्पताल तीन महिला डॉक्टरो के सहारे । 1 साल पहले सीएम ने अस्पताल का किया था लोकार्पण।

एंकर- 100 बैंडो वाला हल्द्वानी के महिला अस्पताल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रावत ने 28 नवंबर 2018 को किया था लेकिन जिन उम्मीदों से महिला अस्पताल को तैयार किया गया था आज वह जस का तस बना हुआ है। अस्पताल में नहीं बुनियादी सुविधाएं हैं नो ही डॉक्टर हैं ऐसे में महिला अस्पताल बदहाली के दौर से गुजर रहा है। हालात इतने खराब हो रहे हैं कि इलाज के लिए पहुंचने वाले वाली महिलाओं को ओपीडी में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।


Body:30 बैड वाला वर्षों पुराना महिला अस्पताल को हाईटेक करते हुए सरकार ने 16 करोड़ की लागत से 6 मंजिला भवन का निर्माण किया जिसमें 100 बैड की बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ स्टाफ और डॉक्टरो की तैनाती की जानी थी लेकिन अस्पताल के उद्घाटन हुए 1 साल होने जा रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा इस अस्पताल में नहीं कोई विशेष बुनियादी सुविधाएं दी गई नहीं डॉक्टर की तैनाती की गई। अस्पताल में अभी भी 30 बैड के अनुसार ही काम किया जा रहा है। अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी ,स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ ,नर्स, पैथोलॉजिस्ट सहित कई अन्य पदों के 33 लोगों की तैनाती होनी थी लेकिन वर्तमान में 10 लोगों के सहारे हैं काम चल रहा है। जिसमें 3 महिला विशेषज्ञ , 2 डॉक्टर बाल रोग विशेषज्ञ, 3 नर्स और दो गाईनोकोलॉजिस्ट,1 एनीस्थिटिस्ट डॉक्टर ही तैनात हैं।
यही नहीं अस्पताल की सबसे बदहाल व्यवस्था ओपीडी में देखी जाती है जहां मात्र तीन महिला रोग विशेषज्ञ के सहारे अस्पताल चल रहा है डॉक्टर या तो छुट्टी में चली जाती हैं या शिफ्ट में होने के चलते ओपीडी में डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं और मरीज को मायूस होकर वापस लौटना पड़ता हैं। यही हालात इमरजेंसी वार्ड में है कई बार ऐसी परिस्थितियां बनती है कि महिला विशेषज्ञ डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।


Conclusion:इस पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी भारती राणा का कहना है जरूरत के अनुसार अस्पताल में 6 डॉक्टर वर्तमान में तैनात हैं जिनके द्वारा काम लिया जा रहा है। कुछ पद रिक्त पड़े हुए हैं इसके लिए शासन से मांग की गई है।

बाइट- भारती राणा सीएमओ नैनीताल
Last Updated : Nov 15, 2019, 11:04 PM IST

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