हल्द्वानी: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार (पीपीपी मोड) निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम कांग्रेस सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. कहीं, ऐसा ना हो इससे करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाए. तो वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि स्टेडियम को सौंपकर सरकार खेल और खिलाड़ियों के हित में विचार करेगी.
दरअसल हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार और खेल निदेशालय निजी हाथों में देने की तैयारी में है. फिलहाल स्टेडियम अभी भी खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हुआ है, क्योंकि स्टेडियम का कुछ काम अभी भी अधूरा है. जो मई तक पूरा होने की संभावना है. उसके बाद खेल निदेशालय निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है.
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आपको बता दें कि 2014 में गौलापार में तत्कालीन सीएम हरीश रावत सरकार ने वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन किया था. जो 68 करोड़ में बनना था लेकिन धीरे-धीरे स्टेडियम का बजट बढ़कर 192 करोड़ जा पहुंचा. 14 हजार दर्शकों वाला इस स्टेडियम का निर्माण अंतिम दौर में है. बताया जा रहा है कि स्टेडियम के रखरखाव और व्यवस्था पर प्रति महीना 15 लाख रुपए का खर्च आना है. ऐसे में जानकारी मिल रही है कि खेल निदेशालय स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने जा रहा है. जिसका टेंडर आचार संहिता बाद किया जाना है.
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वहीं, स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि अगर स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपकर खेल और खिलाड़ियों की हित के लिए काम होता है. तो इसको जायज कहा जाएगा. फिर भी इसको लेकर सरकार संजीदा है और जो भी उचित होगा सरकार उस पर काम करेगी. वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के तर्ज पर सरकार केवल रखरखाव को निजी हाथों में देती तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है.