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अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में सरकार, नेता प्रतिपक्ष ने खड़े किए सवाल

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार (पीपीपी मोड) निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम कांग्रेस सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. कहीं, ऐसा ना हो इससे करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाए.

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
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Published : Apr 19, 2019, 3:21 PM IST

हल्द्वानी: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार (पीपीपी मोड) निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम कांग्रेस सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. कहीं, ऐसा ना हो इससे करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाए. तो वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि स्टेडियम को सौंपकर सरकार खेल और खिलाड़ियों के हित में विचार करेगी.

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में सरकार

दरअसल हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार और खेल निदेशालय निजी हाथों में देने की तैयारी में है. फिलहाल स्टेडियम अभी भी खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हुआ है, क्योंकि स्टेडियम का कुछ काम अभी भी अधूरा है. जो मई तक पूरा होने की संभावना है. उसके बाद खेल निदेशालय निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है.

पढ़ें: उत्तराखंडः हर दिन बुझ रहे तीन चिराग, 18 साल में 25 हजार से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत

आपको बता दें कि 2014 में गौलापार में तत्कालीन सीएम हरीश रावत सरकार ने वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन किया था. जो 68 करोड़ में बनना था लेकिन धीरे-धीरे स्टेडियम का बजट बढ़कर 192 करोड़ जा पहुंचा. 14 हजार दर्शकों वाला इस स्टेडियम का निर्माण अंतिम दौर में है. बताया जा रहा है कि स्टेडियम के रखरखाव और व्यवस्था पर प्रति महीना 15 लाख रुपए का खर्च आना है. ऐसे में जानकारी मिल रही है कि खेल निदेशालय स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने जा रहा है. जिसका टेंडर आचार संहिता बाद किया जाना है.

पढ़ें: वन विभाग और रेलवे की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे हाथी, मौत का आंकड़ा देख चौंक जाएंगे आप

वहीं, स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि अगर स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपकर खेल और खिलाड़ियों की हित के लिए काम होता है. तो इसको जायज कहा जाएगा. फिर भी इसको लेकर सरकार संजीदा है और जो भी उचित होगा सरकार उस पर काम करेगी. वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के तर्ज पर सरकार केवल रखरखाव को निजी हाथों में देती तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है.

हल्द्वानी: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार (पीपीपी मोड) निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है. जिस पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम कांग्रेस सरकार का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था. कहीं, ऐसा ना हो इससे करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाए. तो वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि स्टेडियम को सौंपकर सरकार खेल और खिलाड़ियों के हित में विचार करेगी.

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में सरकार

दरअसल हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार और खेल निदेशालय निजी हाथों में देने की तैयारी में है. फिलहाल स्टेडियम अभी भी खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हुआ है, क्योंकि स्टेडियम का कुछ काम अभी भी अधूरा है. जो मई तक पूरा होने की संभावना है. उसके बाद खेल निदेशालय निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में है.

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आपको बता दें कि 2014 में गौलापार में तत्कालीन सीएम हरीश रावत सरकार ने वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन किया था. जो 68 करोड़ में बनना था लेकिन धीरे-धीरे स्टेडियम का बजट बढ़कर 192 करोड़ जा पहुंचा. 14 हजार दर्शकों वाला इस स्टेडियम का निर्माण अंतिम दौर में है. बताया जा रहा है कि स्टेडियम के रखरखाव और व्यवस्था पर प्रति महीना 15 लाख रुपए का खर्च आना है. ऐसे में जानकारी मिल रही है कि खेल निदेशालय स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने जा रहा है. जिसका टेंडर आचार संहिता बाद किया जाना है.

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वहीं, स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि अगर स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपकर खेल और खिलाड़ियों की हित के लिए काम होता है. तो इसको जायज कहा जाएगा. फिर भी इसको लेकर सरकार संजीदा है और जो भी उचित होगा सरकार उस पर काम करेगी. वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के तर्ज पर सरकार केवल रखरखाव को निजी हाथों में देती तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है.

Intro:स्लग-निजी हाथों में हल्द्वानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को देने की तैयारी ,इंदिरा हृदयेश ने खड़े किए सवाल है।
रिपोर्टर- भावनाथ पंडित हल्द्वानी
एंकर- हल्द्वानी स्थित गौलापार के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार (पीपीपी मोड़)निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में लगी है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष वह देश ने सवाल खड़े किए हैं। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का ड्रीम प्रोजेक्ट था ऐसा ना हो कि करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाए। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम निजी हाथों में सौंपने की तैयारी को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट में जायज बताया है। अजय भट्ट ने कहा कि अगर निजी हाथों में स्टेडियम को सौंपकर अगर खेल और खिलाड़ियों के हित में होगा तो उस पर सरकार विचार करेगी।


Body:दरअसल हल्द्वानी के गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को सरकार और खेल निदेशालय निजी हाथों में देने की तैयारी में जुटा हुआ है। फिलहाल स्टेडियम अभी भी खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हुआ है क्योंकि स्टेडियम का कुछ काम अभी भी अधूरा है जो मई तक पूरा होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि स्टेडियम के हस्तांतरित हो जाने के बाद उसको निजी हाथों में खेल निदेशालय सौंपने की तैयारी में है।
दर्शक 2014 में गौलापार में हरीश रावत सरकार ने वित्त मंत्री इंदिरा हरदेश के ड्रीम प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन किया था जो 68 करोड़ों में बनना था । लेकिन धीरे-धीरे स्टेडियम का बजट पढ़कर 192 करोड़ जा पहुँचा। 14 हज़ार दर्शको वाला स्टेडियम का निर्माण अंतिम दौर में है। बताया जा रहा है कि स्टेडियम के रखरखाव और व्यवस्था पर प्रति महीना 15 लाख रुपए का खर्च आना है। ऐसे में जानकारी मिल रही है कि खेल निदेशालय स्टेडियम को किसी निजी हाथों में सौंपने जा रहा है जिसका टेंडर आचार संहिता बाद किया जाना है।
वहीं स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहा है कि अगर स्टेडियम को निजी हाथों में सौंपकर खेल और खिलाड़ियों की हित के लिए काम होता है तो इसको जायज कहा जाएगा फिर भी इसको लेकर सरकार संजीदा है और जो भी उचित होगा सरकार उस पर काम करेगी।
बाइट -अजय भट्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष


Conclusion:वहीं अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को निजी हाथों में दिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश ने सवाल खड़ा किया है इंदिरा हरदेश का कहना है कि ऐसा ना हो कि करोड़ों का बना स्टेडियम बेकार नहो जाए । उन्होंने कहा कि देहरादून अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के तर्ज पर सरकार केवल रखरखाव को निजी हाथों को देती है तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है।

बाइट -इंदिरा हृदयेश नेता प्रतिपक्ष
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