देहरादून: विभागों में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि किसी भी अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा. ताजा मामला वरिष्ठ आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अधिकारी से जुड़ा है. शासन ने वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार (Corbett Tiger Reserve Director Rahul Kumar) को कारण बताओ नोटिस जारी किया (Notice issued to director of Corbett) है. राहुल कुमार को 15 दिनों में नोटिस का जवाब देना है.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार पर टाइगर रिजर्व में हुई कई निर्माण कार्यों पर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप (Corruption in Corbett Park) लगा है. आरोप है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने मोरपट्टी और पाखरौ वन विश्राम गृह भवन के निर्माण, कंडी रोड निर्माण और पाखरौ जलाशय निर्माण में भ्रष्टाचार के अलावा टाइगर सफारी के लिए पेड़ों का अवैध कटान कराया है.
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इस मामले से जुड़ी हुई 5 सदस्य टीम की रिपोर्ट 7 फरवरी 2022 को प्रकाश में आई थी. इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए ही शासन ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार नोटिस जारी है. बता दें कि इसी मामले में इससे पहले PCCF ( वाइल्डलाइफ) मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक सहित DFO कालागढ़ को पद से हटा दिया गया था. हालांकि, निदेशक कॉर्बेट का सीधा प्रशासनिक नियंत्रण होने के बावजूद कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई थी, लेकिन अब कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद इस मामले में विभागीय कार्रवाई के संकेत मिलते नजर आ रहे हैं.