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वनाधिकार को लेकर मुखर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर, कहा- जंगलों के कानूनों में संशोधन आवश्यक

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पिछले काफी समय से 2006 वन अधिकार कानून राज्य में लागू किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है.

Kishore Upadhyay news
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय
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Published : Dec 20, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Dec 20, 2020, 6:43 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड वासियों के वन अधिकारों को लेकर मुखर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने रविवार को हल्द्वानी में एक प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र वासियों को उनके हक हकूक से वंचित करना, उनके साथ अन्याय है. लिहाजा, उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सरकारों को जंगलों के कानूनों में उनके लिए संशोधन करना आवश्यक है. ताकि वो भी अपना जीवन सरलता और सहजता से जी सके.

वनाधिकार को लेकर मुखर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि 2006 वन अधिकार कानून राज्य में लागू किया जानी चाहिए. वन अधिकार लागू नहीं होने के चलते यहां के लोगों का यह दुर्दशा हो रही है. यहां के लोगों का बिजली और पानी पर उनका अधिकार हैं. इसीलिए उन्होंने नि:शुल्क बिजली-पानी मिलना चाहिए. सरकार ने जंगल में लकड़ियां काटने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि यहां के लोगों को नि:शुल्क गैस उपलब्ध कराएं. यहां के लोगों को सरकार रोजगार उपलब्ध कराएं. क्योंकि, यहां के पर्यावरण, पानी और ऑक्सीजन का फायदा अन्य लोग उठा रहे हैं.

पढ़ें- 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' के तहत गैरसेंण में तैयार होगा पॉलिटेक्निक, यह है तैयारी

किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिलता है. जंगली जानवरों के आतंक में घायल हुए लोगों को मुआवजे के नाम पर नाममात्र की राशि मिलती है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि जंगली जानवरों को हमले में मरे व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपए का आर्थिक मदद और घर के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए. यहां की जड़ी बूटियों पर इन्हीं लोगों का अधिकार है. पहले मकान बनाने पर नि:शुल्क लकड़ियां और रेता बजरी मिला करती थी, लेकिन सरकार ने उसको भी खत्म कर दिया है.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि ने वन अधिकार के तहत यहां के लोगों को उनका अधिकार दिलाएंगे. जिसके लिए उन्होंने पूरे प्रदेश में इसके लिए मुहिम चलाई है. इस मुहिम को लोगों का समर्थन भी मिल रहा है.

हल्द्वानी: उत्तराखंड वासियों के वन अधिकारों को लेकर मुखर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने रविवार को हल्द्वानी में एक प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र वासियों को उनके हक हकूक से वंचित करना, उनके साथ अन्याय है. लिहाजा, उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सरकारों को जंगलों के कानूनों में उनके लिए संशोधन करना आवश्यक है. ताकि वो भी अपना जीवन सरलता और सहजता से जी सके.

वनाधिकार को लेकर मुखर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि 2006 वन अधिकार कानून राज्य में लागू किया जानी चाहिए. वन अधिकार लागू नहीं होने के चलते यहां के लोगों का यह दुर्दशा हो रही है. यहां के लोगों का बिजली और पानी पर उनका अधिकार हैं. इसीलिए उन्होंने नि:शुल्क बिजली-पानी मिलना चाहिए. सरकार ने जंगल में लकड़ियां काटने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि यहां के लोगों को नि:शुल्क गैस उपलब्ध कराएं. यहां के लोगों को सरकार रोजगार उपलब्ध कराएं. क्योंकि, यहां के पर्यावरण, पानी और ऑक्सीजन का फायदा अन्य लोग उठा रहे हैं.

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किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में जंगली जानवरों का आतंक देखने को मिलता है. जंगली जानवरों के आतंक में घायल हुए लोगों को मुआवजे के नाम पर नाममात्र की राशि मिलती है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि जंगली जानवरों को हमले में मरे व्यक्ति के परिजनों को 25 लाख रुपए का आर्थिक मदद और घर के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए. यहां की जड़ी बूटियों पर इन्हीं लोगों का अधिकार है. पहले मकान बनाने पर नि:शुल्क लकड़ियां और रेता बजरी मिला करती थी, लेकिन सरकार ने उसको भी खत्म कर दिया है.

किशोर उपाध्याय ने कहा कि ने वन अधिकार के तहत यहां के लोगों को उनका अधिकार दिलाएंगे. जिसके लिए उन्होंने पूरे प्रदेश में इसके लिए मुहिम चलाई है. इस मुहिम को लोगों का समर्थन भी मिल रहा है.

Last Updated : Dec 20, 2020, 6:43 PM IST
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