हल्द्वानी: बागेश्वर के सरयू बगड़ में कुली बेगार प्रथा के अंत की शताब्दी वर्ष पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपवास किया. उन्होंने प्रदेश सरकार को सत्ता से बाहर करने का सरयू नदी का पानी लेकर संकल्प लिया. हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार धनबल के माध्यम से पैसा कमाकर उत्तराखंड को बर्बाद करने का काम कर रही है. हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को पहली राजनीतिक हार उत्तराखंड में ही मिली थी,जहां बर्खास्त मुख्यमंत्री दोबारा सीएम बन गया.
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि इस कारण मन में दो काम न कर पाने की टीस रह गई. उन्होंने कहा कि दोबारा सीएम बनने का मौका मिला तो वह जरूर बनेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी कांग्रेस का भाई मुख्यमंत्री बनेगा उसको यह राय जरूर दूंगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 4 सालों में 7,000 नौकरियां भी नहीं दे पाई है. लेकिन उनके मन में दो बात अभी भी चुभ रही है अगर उनको मुख्यमंत्री रहने का मौका दो महीना मिल गया होता तो पहला काम 16 हजार बेरोजगारों को नौकरी देने का काम करते और दूसरा महिलाओं के लिए सार्वभौमिक पौष्टिक योजना जो आज भी अधूरी है उसे पूरा करते.
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उन्होंने कहा कि सार्वभौमिक पोस्टिक योजना पहाड़ की माताओं बहनों के लिए बहुत उपयोगी था, लेकिन वर्तमान सरकार इस योजना को चला रही है या बंद कर दी उनको पता नहीं है. अगर दोबारा से उनको मौका मिलता है तो वह इस काम को जरूर पूरा करेंगे.