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बेटे के विधानसभा क्षेत्र वाले गांव पहुंचे यशपाल आर्य, आपदा प्रभावितों का जाना हाल - उत्तराखंड में आपदा

रामनगर के कुनखेत गांव पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि सरकार सिर्फ हवाई दौरे कर रही है, लेकिन कुनखेत के आपदा पीड़तों की सुध नहीं ले रही है. बता दें कि कुनखेत गांव में चार दिन बाद भी सरकार और प्रशासन की मदद नहीं पहुंच पाई है.

yashpal arya
यशपाल आर्य
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Published : Oct 23, 2021, 8:10 PM IST

Updated : Oct 23, 2021, 9:44 PM IST

रामनगरः आपदा प्रभावित कुनखेत गांव में चार दिन बाद भी सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है. इतना ही नहीं आपदा प्रभावितों की सुध तक नहीं ली गई. अब जाकर पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य आपदा प्रभावितों की सुध लेने मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ितों से मिलकर उनकी पीड़ा सुनी. इस दौरान उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए. खास बात ये है कि आपदा प्रभावित गांव उनके ही बेटे संजीव आर्य का विधानसभा क्षेत्र है.

बता दें कि उत्तराखंड में आसमानी आफत ने जमकर कहर बरपाया है. रामनगर के कई ग्रामीण इलाकों में भी जमकर तबाही मची. विकासखंड कोटाबाग के अंतर्गत आने वाला कुनखेत गांव भी आपदा की मार से नहीं बच पाया. नैनीताल विधानसभा क्षेत्र के इस गांव में करीब 10 मकान आपदा की भेंट चढ़ गए. जबकि, ग्रामीणों की धान की फसल भी पूरी तरह चौपट हो गई, लेकिन हैरानी की बात ये है कि चार दिन बीत जाने के बाद भी इस गांव की सुध नहीं ली गई. इस इलाके के विधायक संजीव आर्य भी अभी तक जनता का हाल जानने नहीं आए हैं. बेटे के विधानसभा क्षेत्र में उनके पिता यशपाल आर्य आज हालचाल लेने पहुंचे.

आपदा पीड़ित रो-रोकर लगा रहे मदद की गुहार.

ये भी पढ़ेंः अल्मोड़ा में आपदा पीड़ितों से मिले CM धामी, मृतका की मां ने मांगी सरकारी नौकरी

आपदा पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहींः सरकार और प्रशासन की ओर से प्रभावित ग्रामीणों को आपदा के तहत दी जाने वाली मदद में राशन व टेंट तो दूर एक मोमबत्ती तक भी रोशनी के लिए नहीं पहुंची है. इससे सरकार और प्रशासन की गंभीरता की पोल खुल रही है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि वो इस आपदा में अपना सब कुछ खो चुके हैं, लेकिन अभी तक न तो प्रशासन का कोई अधिकारी आया, न ही सरकार का कोई जन प्रतिनिधि.

रो-रोकर दुखड़ा सुना रहे पीड़ित, विधायक गायबः पीड़ित परिवार एक दूसरे के सांत्वना देकर रात गुजार रहे हैं. वहीं, पीड़ितों को कुछ ग्रामीण भोजन मुहैया करा रहे हैं. आपदा से प्रभावित ग्रामीण आज भी रो-रोकर अपनी दास्तां बयां कर रहे हैं. शुक्रवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य गांव का निरीक्षण करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने रो-रोकर अपना दुखड़ा सुनाया. गौर पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य क्षेत्र से विधायक हैं, लेकिन वो अभी तक नहीं पहुंचे हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रीतम ने आपदा से निपटने में सरकार को बताया फेल, बोले- शाह भी औपचारिकता कर गए

मात्र हवाई सर्वे कर रही सरकार, पीड़ितों की मदद नहीं हुई तो खोलेंगे पोलः यशपाल आर्य ने आपदा को लेकर सरकार और प्रशासन को पूरी तरह विफल करार दिया है. उनका कहना है कि सरकार आपदा को लेकर हवाई सर्वे कर रही है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. इस विपत्ति के समय सरकार को युद्धस्तर पर काम करने चाहिए थे और पीड़ितों की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सरकार सिर्फ हवाई दावे कर रही है. उन्होंने कहा कि यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, लेकिन फिर भी यदि सरकार ने आपदा पीड़ितों की मदद को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो वो चुप नहीं बैठेंगे और सरकार की पोल खोलने को लेकर पीछे नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ेंः आपदा पीड़ितों ने मंत्री के पैरों में गिरकर लगाई मदद की गुहार, बीजेपी विधायक की शिकायत

रामनगरः आपदा प्रभावित कुनखेत गांव में चार दिन बाद भी सरकारी मदद नहीं पहुंच पाई है. इतना ही नहीं आपदा प्रभावितों की सुध तक नहीं ली गई. अब जाकर पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य आपदा प्रभावितों की सुध लेने मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ितों से मिलकर उनकी पीड़ा सुनी. इस दौरान उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए. खास बात ये है कि आपदा प्रभावित गांव उनके ही बेटे संजीव आर्य का विधानसभा क्षेत्र है.

बता दें कि उत्तराखंड में आसमानी आफत ने जमकर कहर बरपाया है. रामनगर के कई ग्रामीण इलाकों में भी जमकर तबाही मची. विकासखंड कोटाबाग के अंतर्गत आने वाला कुनखेत गांव भी आपदा की मार से नहीं बच पाया. नैनीताल विधानसभा क्षेत्र के इस गांव में करीब 10 मकान आपदा की भेंट चढ़ गए. जबकि, ग्रामीणों की धान की फसल भी पूरी तरह चौपट हो गई, लेकिन हैरानी की बात ये है कि चार दिन बीत जाने के बाद भी इस गांव की सुध नहीं ली गई. इस इलाके के विधायक संजीव आर्य भी अभी तक जनता का हाल जानने नहीं आए हैं. बेटे के विधानसभा क्षेत्र में उनके पिता यशपाल आर्य आज हालचाल लेने पहुंचे.

आपदा पीड़ित रो-रोकर लगा रहे मदद की गुहार.

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आपदा पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहींः सरकार और प्रशासन की ओर से प्रभावित ग्रामीणों को आपदा के तहत दी जाने वाली मदद में राशन व टेंट तो दूर एक मोमबत्ती तक भी रोशनी के लिए नहीं पहुंची है. इससे सरकार और प्रशासन की गंभीरता की पोल खुल रही है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि वो इस आपदा में अपना सब कुछ खो चुके हैं, लेकिन अभी तक न तो प्रशासन का कोई अधिकारी आया, न ही सरकार का कोई जन प्रतिनिधि.

रो-रोकर दुखड़ा सुना रहे पीड़ित, विधायक गायबः पीड़ित परिवार एक दूसरे के सांत्वना देकर रात गुजार रहे हैं. वहीं, पीड़ितों को कुछ ग्रामीण भोजन मुहैया करा रहे हैं. आपदा से प्रभावित ग्रामीण आज भी रो-रोकर अपनी दास्तां बयां कर रहे हैं. शुक्रवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य गांव का निरीक्षण करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने रो-रोकर अपना दुखड़ा सुनाया. गौर पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य क्षेत्र से विधायक हैं, लेकिन वो अभी तक नहीं पहुंचे हैं.

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मात्र हवाई सर्वे कर रही सरकार, पीड़ितों की मदद नहीं हुई तो खोलेंगे पोलः यशपाल आर्य ने आपदा को लेकर सरकार और प्रशासन को पूरी तरह विफल करार दिया है. उनका कहना है कि सरकार आपदा को लेकर हवाई सर्वे कर रही है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. इस विपत्ति के समय सरकार को युद्धस्तर पर काम करने चाहिए थे और पीड़ितों की मदद करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सरकार सिर्फ हवाई दावे कर रही है. उन्होंने कहा कि यह वक्त राजनीति करने का नहीं है, लेकिन फिर भी यदि सरकार ने आपदा पीड़ितों की मदद को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो वो चुप नहीं बैठेंगे और सरकार की पोल खोलने को लेकर पीछे नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ेंः आपदा पीड़ितों ने मंत्री के पैरों में गिरकर लगाई मदद की गुहार, बीजेपी विधायक की शिकायत

Last Updated : Oct 23, 2021, 9:44 PM IST
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