हल्द्वानी: लालकुआं स्थित वन विकास के डिपो नंबर-5 में लकड़ियों के चट्टों में आग (Wood burnt in Haldwani) लगने से विभाग को भारी नुकसान पहुंचा है. गनीमत रही कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी. आग लगने के बाद वन विकास निगम की आग बुझाने की व्यवस्थाओं की पोल खुल गई. मौके पर पहुंची अग्निशमन की गाड़ी ने आग पर काबू पाया. ऐसे में डिपो में रखी करीब 300 करोड़ रुपए की लकड़ी राम भरोसे है.
बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर शाम डिपो के पिछले हिस्से में रखे गए लकड़ियों के चट्टे को जंगल में लगी आग ने अपनी चपेट में ले लिया. आग से लकड़ी के दो चट्टे को नुकसान पहुंचा है. फिलहाल, वन विभाग के अधिकारी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. आग के बाद वन विकास निगम की आग बुझाने की व्यवस्था की पोल खुल गई. डिपो के अंदर तैयार किए गए फायर सिस्टम सही से काम नहीं कर रहे हैं. पानी के एक टैंकर के सहारे करीब 45 हजार घन मीटर लकड़ियों की आग बुझाने की जिम्मेदारी है.
डिपो के अंदर 15 लाख रुपए के बजट से ओवरहेड टैंक बना तो दिया गया लेकिन उसका कनेक्शन डिपो के अंदर बिछाई गई पाइप लाइन से नहीं जोड़ा गया है, जिसके चलते पाइप लाइन में पानी नहीं आता है. इसके अलावा आग बुझाने के लिए मात्र 5 फायर वाचर की तैनाती की गई है, जबकि अग्निशमन यंत्र के नाम पर 13 सिलेंडर रखे गए हैं.
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बेशकीमती लकड़ियों की सुरक्षा राम भरोसे: डिपो के अंदर करीब 45 हजार घन मीटर लकड़िया रखी गई हैं. इसमें साल, शीशम, सागौन, खैर, पॉपुलर सहित कई प्रजातियों की बेशकीमती लकड़ियां रखी गई हैं. जिनकी कीमत करीब 300 करोड़ है. फिलहाल, आग बुझाने की व्यवस्था पूरी तरह से राम भरोसे है. अगर कोई बड़ी घटना होती है तो करोड़ों की लकड़ियां जलकर खाक हो जाएंगी, जिससे सरकार को भी करोड़ों के राजस्व का नुकसान होगा.
इस पूरे मामले में डिपो अधिकारी चंदन सिंह राणा (Depot Officer Chandan Singh Rana) का कहना है कि आग की घटना से काफी नुकसान हुआ है. लेकिन विभाग के पास आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन है. इस पूरे मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम केएन भारती का कहना है कि डिपो में लगी आग की घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. साथ ही फायर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा. निर्देशित किया गया है कि आग बुझाने की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करें.