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कोरोना इफेक्ट: मंडी में ही सब्जियां फेंकने को मजबूर अन्नदाता, नहीं मिल रहे दाम - हल्द्वानी नहीं मिल रहे सब्जियों के दामट

लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू के चलते सब्जियों के दामों में भारी गिरावट आई है. मंडियों में सब्जियां औने-पौने दामों में बिक रही है, जिससे किसान परेशान हैं.

किसानों को नहीं मिल पा रहे हैं दाम
किसानों को नहीं मिल पा रहे हैं दाम
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Published : Apr 28, 2021, 10:19 AM IST

Updated : Apr 28, 2021, 10:39 AM IST

हल्द्वानी: दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू के चलते सब्जी मंडी में आना बंद हो चुकी है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सब्जी उत्पादन और किसान अपने सब्जियों को हल्द्वानी मंडी में लाकर औने पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. किसानों के अपने सब्जियों के खरीदार भी नहीं मिल पा रहे हैं. जिसका असर सीधे किसानों पर पड़ रहा है.

सब्जियां फेंकने को मजबूर अन्नदाता

कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी मंडी में सब्जियों की आवक अधिक होने के चलते किसानों को सब्जी के दाम नहीं मिल रहे हैं. सब्जी व्यापारियों की मानें तो उत्तर प्रदेश के अधिकतर सब्जी मंडी और दिल्ली के आजादपुर मंडी लॉकडाउन के चलते बंद है. ऐसे में किसान अपनी सब्जियों को वहां नहीं बेच पा रहा है और मजबूरन अपनी सब्जियों को हल्द्वानी मंडी में ला रहे हैं, जिसके चलते सब्जियों के दाम में भारी गिरावट आई है.

ये भी पढ़ें: कोरोना कर्फ्यू का रोडवेज बसों पर दिखा असर, हो रहा लाखों का घाटा

यहां तक की उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू के चलते सब्जी की दुकान केवल दोपहर 12 बजे तक खुल रही हैं, जिसके चलते खरीदार भी दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके कारण सब्जी के दामों में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में बाहर के किसान मंडियों में सब्जियों को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं.

एक सप्ताह पहले ₹300 कैरेट बिकने वाला टमाटर, इस समय ₹50 कैरेट बिक रहा. एक सप्ताह पहले टमाटर की कीमत ₹10 किलो था, जो अब ₹2 किलो बिक रहा है. ₹16 किलो बिकने वाला खीरा, अब ₹4 किलो बिक रहा है. ₹10 किलो का कद्दू, अब तीन रुपए किलो बिक रहा है. ₹15 किलो बिकने वाला शिमला मिर्च, अब ₹5 किलो के थोक भाव में बिक रहा है. इसके अलावा अन्य हरी सब्जियों के दामों में भी 50 से 70% की गिरावट देखी जा रही है.

हल्द्वानी: दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू के चलते सब्जी मंडी में आना बंद हो चुकी है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सब्जी उत्पादन और किसान अपने सब्जियों को हल्द्वानी मंडी में लाकर औने पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. किसानों के अपने सब्जियों के खरीदार भी नहीं मिल पा रहे हैं. जिसका असर सीधे किसानों पर पड़ रहा है.

सब्जियां फेंकने को मजबूर अन्नदाता

कुमाऊं के सबसे बड़े हल्द्वानी मंडी में सब्जियों की आवक अधिक होने के चलते किसानों को सब्जी के दाम नहीं मिल रहे हैं. सब्जी व्यापारियों की मानें तो उत्तर प्रदेश के अधिकतर सब्जी मंडी और दिल्ली के आजादपुर मंडी लॉकडाउन के चलते बंद है. ऐसे में किसान अपनी सब्जियों को वहां नहीं बेच पा रहा है और मजबूरन अपनी सब्जियों को हल्द्वानी मंडी में ला रहे हैं, जिसके चलते सब्जियों के दाम में भारी गिरावट आई है.

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यहां तक की उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू के चलते सब्जी की दुकान केवल दोपहर 12 बजे तक खुल रही हैं, जिसके चलते खरीदार भी दुकानों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके कारण सब्जी के दामों में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में बाहर के किसान मंडियों में सब्जियों को औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं.

एक सप्ताह पहले ₹300 कैरेट बिकने वाला टमाटर, इस समय ₹50 कैरेट बिक रहा. एक सप्ताह पहले टमाटर की कीमत ₹10 किलो था, जो अब ₹2 किलो बिक रहा है. ₹16 किलो बिकने वाला खीरा, अब ₹4 किलो बिक रहा है. ₹10 किलो का कद्दू, अब तीन रुपए किलो बिक रहा है. ₹15 किलो बिकने वाला शिमला मिर्च, अब ₹5 किलो के थोक भाव में बिक रहा है. इसके अलावा अन्य हरी सब्जियों के दामों में भी 50 से 70% की गिरावट देखी जा रही है.

Last Updated : Apr 28, 2021, 10:39 AM IST
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