नैनीताल: राज्य सरकार द्वारा कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम के एकीकरण के फैसले के बाद अब कर्मचारी संगठन सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल विकास निगम के कर्मचारियों ने राज्य सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा कर्मचारियों पर जबरन अपना फैसला थोपा तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे . वही, विरोध के बाद देर शाम तक चली कर्मचारियों और कुमाऊं मंडल के अधिकारियों की बैठक बेनतीजा रही.
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार द्वारा दोनों निगमों का एकीकरण करने से पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए. दोनों निगमों के कर्मचारियों की वेतन विसंगति को दूर किया जाए, सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के देयों का भुगतान किया जाए, निगम के कर्मचारियों की ग्रेजुएटी को बढ़ाकर 20 लाख किया जाए और कोरोना संक्रमणकाल में अपनी जान हथेली पर रख कर काम करने वाले कर्मचारियों का मानदेय 11 हजार रुपए किया जाए. साथ ही दोनों निगमों को उनकी बेहतरी के लिए 20-20 करोड़ रुपए दिए जाने की मांग की.
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इस दौरान कुमाऊं मंडल विकास निगम के कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा कुमाऊं मंडल विकास निगम के होटलों समेत कई संपत्तियों को लीज पर देने का फैसला किया जा रहा है, जिसका कर्मचारी विरोध करेंगे. इतना ही नहीं जल्द ही कुमाऊं मंडल विकास निगम और गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी संयुक्त मोर्चा बनाकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोलेंगे.