हल्द्वानी: कुमाऊं की सबसे बड़ी गौला नदी हर साल मॉनसून सीजन में लोगों के लिए मुसीबत लेकर आती है. गौला नदी हर साल मॉनसून सीजन में बिन्दुखत्ता क्षेत्र के सैकड़ों किसानों के कई एकड़ जमीन अपने आगोश में ले लेती है, लेकिन इन किसानों के खेतों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.
दरअसल, पिछले दो सालों से गौला नदी बिन्दुखत्ता क्षेत्र में कहर बरपा रही है, बावजूद इसके तटबंध नहीं बन पाए हैं. सरकार और प्रशासन की लापरवाही से किसानों की सैकड़ों की बीघा जमीन नदी में बह चुकी है. ऐसे में किसानों को डर सता रहा है कि यदि इस बार भी मॉनसून सीजन में गौला विकराल रूप लेती है तो उनके सामने संकट खड़ा हो जाएगा.
पढ़ें- बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
वहीं इस बारे में स्थानीय विधायक नवीन दुमका ने कहा कि गौला नदी से होने वाले कटाव को रोकने को लेकर सरकार भी गंभीर है. नदी से कटान वाले संभावित क्षेत्रों का चिन्हित कर लिया गया है. कुल 18 जगहों पर तटबंध का निर्माण होना है, जिसके लिए बजट की व्यवस्था की जा रही है. नदी से तीन जगहों पर सबसे ज्यादा कटाव का खतरा बना हुआ है, तीन जगह पर तत्काल तटबंध निर्माण का कार्य शुरू होने जा रहा है, जिससे किसानों के भूमि को कटाव से रोका जा सके.
गौरतलब है कि कुमाऊं के सबसे बड़ी गौला नदी से खनन से सरकार को हर साल करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन वहा रहने रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. मॉनसून शुरू होने जा रहा है, ऐसे में अगर गोला नदी अपना विकराल रूप धारण करती है तो वहां के ग्रामीणों के आगे संकट खड़ा हो जाएगा.