हल्द्वानीः क्षेत्र के केंद्रीय तराई वन प्रभाग के हल्दुचौड़ क्षेत्रों के कई गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक है. हाथी किसानों की सैकड़ों एकड़ गन्ने के फसलों को रौंद चुके हैं. यही नहीं हाथी अब दिन में गांवों में घुसकर जमकर उत्पात मचा रहे हैं. ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा वन विभाग और जिला प्रशासन से हाथियों से निजात दिलाने के लिए बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लेकिन वन विभाग अब हाथियों से हुए ग्रामीणों की फसल का मुआवजे देने की बात कह रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का आतंक से लोग दहशत में हैं, लेकिन वन विभाग इसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहा है. हाथी शाम ढलते ही जंगल से निकल गांव में पहुंच रहे हैं और फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.
ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों की पूरी रात हाथियों को भगाने में बीत जाती है, लेकिन वन विभाग को सूचना देने के बाद भी विभाग नहीं पहुंचता है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों ने सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने की फसलों को किया है दर्जनों ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल चौपट हो चुकी है.
वहीं पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया हाथियों को जंगल से बाहर आने की सामान्य प्रक्रिया है. हाथी कुछ महीनों के लिए जंगल से बाहर आते हैं. हाथियों से हुए नुकसान के लिए वन विभाग द्वारा आकलन किया जा रहा है.
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वन्यजीवों द्वारा नुकसान को लेकर वन विभाग के पास अपना बजट भी होता है. इस बजट के माध्यम से फसलों का मुआवजा देने की प्रक्रिया की जा रही है और जल्द इन किसानों को उनका नुकसान का मुआवजा दे दिया जाएगा.