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हल्द्वानीः हाथियों ने सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल बर्बाद की, वन विभाग जल्द देगा मुआवजा - हल्दुचौड़ के गांवों में जंगली हाथियों का आतंक

हाथियों के आतंक से ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ बर्बाद हुई फसल का वन विभाग जल्द मुआवजा देगा.

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Published : Dec 15, 2019, 3:34 PM IST

हल्द्वानीः क्षेत्र के केंद्रीय तराई वन प्रभाग के हल्दुचौड़ क्षेत्रों के कई गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक है. हाथी किसानों की सैकड़ों एकड़ गन्ने के फसलों को रौंद चुके हैं. यही नहीं हाथी अब दिन में गांवों में घुसकर जमकर उत्पात मचा रहे हैं. ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा वन विभाग और जिला प्रशासन से हाथियों से निजात दिलाने के लिए बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लेकिन वन विभाग अब हाथियों से हुए ग्रामीणों की फसल का मुआवजे देने की बात कह रहा है.

गन्ने की फसल बर्बाद

ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का आतंक से लोग दहशत में हैं, लेकिन वन विभाग इसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहा है. हाथी शाम ढलते ही जंगल से निकल गांव में पहुंच रहे हैं और फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.

ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों की पूरी रात हाथियों को भगाने में बीत जाती है, लेकिन वन विभाग को सूचना देने के बाद भी विभाग नहीं पहुंचता है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों ने सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने की फसलों को किया है दर्जनों ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल चौपट हो चुकी है.

वहीं पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया हाथियों को जंगल से बाहर आने की सामान्य प्रक्रिया है. हाथी कुछ महीनों के लिए जंगल से बाहर आते हैं. हाथियों से हुए नुकसान के लिए वन विभाग द्वारा आकलन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः हरिद्वार पुलिस ने किए दो बड़े खुलासे, गिरोह के 4 सदस्यों सहित 2 बच्चा चोर गिरफ्तार

वन्यजीवों द्वारा नुकसान को लेकर वन विभाग के पास अपना बजट भी होता है. इस बजट के माध्यम से फसलों का मुआवजा देने की प्रक्रिया की जा रही है और जल्द इन किसानों को उनका नुकसान का मुआवजा दे दिया जाएगा.

हल्द्वानीः क्षेत्र के केंद्रीय तराई वन प्रभाग के हल्दुचौड़ क्षेत्रों के कई गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक है. हाथी किसानों की सैकड़ों एकड़ गन्ने के फसलों को रौंद चुके हैं. यही नहीं हाथी अब दिन में गांवों में घुसकर जमकर उत्पात मचा रहे हैं. ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों द्वारा वन विभाग और जिला प्रशासन से हाथियों से निजात दिलाने के लिए बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लेकिन वन विभाग अब हाथियों से हुए ग्रामीणों की फसल का मुआवजे देने की बात कह रहा है.

गन्ने की फसल बर्बाद

ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का आतंक से लोग दहशत में हैं, लेकिन वन विभाग इसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहा है. हाथी शाम ढलते ही जंगल से निकल गांव में पहुंच रहे हैं और फसलों को बर्बाद कर रहे हैं.

ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है. ग्रामीणों की पूरी रात हाथियों को भगाने में बीत जाती है, लेकिन वन विभाग को सूचना देने के बाद भी विभाग नहीं पहुंचता है. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों ने सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने की फसलों को किया है दर्जनों ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ गन्ने की फसल चौपट हो चुकी है.

वहीं पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया हाथियों को जंगल से बाहर आने की सामान्य प्रक्रिया है. हाथी कुछ महीनों के लिए जंगल से बाहर आते हैं. हाथियों से हुए नुकसान के लिए वन विभाग द्वारा आकलन किया जा रहा है.

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वन्यजीवों द्वारा नुकसान को लेकर वन विभाग के पास अपना बजट भी होता है. इस बजट के माध्यम से फसलों का मुआवजा देने की प्रक्रिया की जा रही है और जल्द इन किसानों को उनका नुकसान का मुआवजा दे दिया जाएगा.

Intro:sammry- हाथियों के आतंक से ग्रामीणों का सैकड़ों एकड़ फसल हुए बर्बाद वन विभाग मुआवजा कराएगा उपलब्ध।


एंकर- हल्द्वानी के केंद्रीय तराई वन प्रभाग के हल्दुचौड़ क्षेत्रों के कई गांवों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक है। हाथियों ने अपने आतंक से किसानों के सैकड़ों एकड़ गन्ने के फसलों को रौद चुके हैं यही नहीं हाथी अब दिन में है गांव में घुस जमकर उत्पात मचा रहे हैं ।ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों के वन विभाग और जिला प्रशासन से हाथियों से निजात दिलाने के लिए बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी वन विभाग हाथों से निजात नहीं दिला पा रहा है ।लेकिन वन विभाग अब हाथियों से हुए ग्रामीणों के फसल के मुआवजे देने की बात कह रहा है।


Body:ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का आतंक से उनके क्षेत्र में लोग दहशत में हैं। लेकिन वन विभाग इसके लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर रहा है ।हाथी शाम ढलते ही जंगल से निकल गांव में पहुंच जा रहा है और फसलों को बर्बाद कर रहा है ऐसे में जान माल का भी खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का पूरा रात हाथियों को भगाने में लग जाता है लेकिन वन विभाग को सूचना देने के बाद भी विभाग नहीं पहुंचता है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी का सबसे ज्यादा नुकसान गन्ने के फसलों को किया है दर्जनों ग्रामीणों के सैकड़ों एकड़ गन्ने के फसल को चौपट कर चुके हैं ।

बाइट -गन्ना ग्रामीण किसान


Conclusion:वही पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक पराग मधुकर घकाते ने बताया हाथीयो को जंगल से बाहर आने की समान प्रक्रिया है हाथी कुछ महीनों के लिए जंगल से बाहर आते हैं। हाथों से हुए नुकसान के लिए वन विभाग द्वारा आकलन किया जा रहा है। वन्यजीवों द्वारा नुकसान को लेकर वन विभाग के पास अपना बजट भी होता है। इस बजट के माध्यम से किसानों के हुए फसलों का नुकसान देने की प्रक्रिया की जा रही है और जल्द इन किसानों को उनका नुकसान का मुआवजा दे दिया जाएगा।

बाइट -पराग मधुकर घकाते वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त
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