हल्द्वानी: लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू में राहत मिलने के बाद फल सब्जी के कारोबार ने रफ्तार पकड़ी है. पहाड़ों में फलों का सीजन शुरू हो गया है. पहाड़ के फलों की आवक मंडियों में भरपूर होने लगी है. इसके चलते पहाड़ के काफल आड़ू, पुलम, खुमानी आदि फलों की दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, अहमदाबाद और हरियाणा सहित कई राज्यों की मंडियों में खूब डिमांड हो रही है. हल्द्वानी की फल मंडी से रोजाना 50 से 60 ट्रक पहाड़ के फल देश की अन्य फल मंडियों में जा रहे हैं.
हल्द्वानी के फल विक्रेता जीवन सिंह कार्की ने बताया कि लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद पहाड़ में फलों की डिमांड अन्य राज्य की मंडियों से आ रही है. फलों की डिमांड बढ़ने से किसानों और मंडी कारोबारियों की आमदनी में इजाफा होने की उम्मीद की गई है. व्यापारियों की मानें तो पहाड़ के फलों की क्वालिटी पर सरकार अगर ध्यान दें तो पहाड़ के आड़ू, पुलम, खुबानी की पहचान भी विदेशों तक हो सकती है. पिछले कई सालों से पहाड़ के फलों के क्वालिटी में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है. उन्होंने कहा कि अगर आड़ू के पौधों की गुणवत्ता में सुधार लाएंगे तो किसान की आय में इजाफा होगा. सरकार की अनदेखी और वैज्ञानिक सलाह न होने के कारण फलों की गुणवत्ता खराब हो रही है.
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नैनीताल जनपद के रामगढ़, धारी, भीमताल ओखल कांडा सहित कई पहाड़ी क्षेत्र के स्वादिष्ट आड़ू, पुलम और खुबानी फलों की पहचान कई बाजारों में खूब की जाती है. पहाड़ के फल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी उपयोगी माने जाते हैं. पहाड़ के फलों की मांग कई राज्यों में बढ़ गई है. वर्तमान में मंडी में ₹40 प्रति किलो से लेकर ₹60 प्रति किलो पहाड़ी फल बिक रहे हैं