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पहाड़ों में हो रही बारिश बन रही आफत, हल्द्वानी में लड़खड़ा रही पेयजल सप्लाई - haldwani latest news

पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त है. नैनीताल में लगातार हुई भारी बरसात का असर अब पेयजल सप्लाई पर भी पड़ने लगा है. जल संस्थान के पंपिंग स्टेशनों में सिल्ट आने की वजह से शहर के कई इलाकों में पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा गई है. इसका असर अब हल्द्वानी शहर में पड़ने लगा है. बरसात के बावजूद भी लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. हालांकि पेयजल विभाग टैंकरों से पानी की सप्लाई करने में जुटा है.

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Published : Jul 15, 2023, 4:13 PM IST

गोला नदी में सिल्ट आने से पेयजल समस्या

हल्द्वानी: कुमाऊं के पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. साथ ही गोला नदी में सिल्ट का आना शुरू हो गया है. जिसका सीधा असर अब पेयजल सप्लाई पर पड़ना शुरू हो रहा है, लेकिन कुछ इलाकों को छोड़कर पेयजल किल्लत जैसे हालात नही हैं, लेकिन यदि बारिश लगातार होती रही तो सिल्ट की मात्रा और ज्यादा बढ़ेगी. जिससे फिल्टर प्लांट को बंद कर साफ करने के बाद ही सप्लाई सुचारू की जा सकेगी.

गौरतलब है कि हल्द्वानी शहर की आधी आबादी की प्यास गोला नदी के पानी से बुझाई जाती है. लेकिन नदी में पानी के साथ सिल्ट आने के चलते शहर की पेयजल व्यवस्था बाधित हुई है. हल्द्वानी जल संस्थान के पास 5 वाटर फिल्टर प्लांट हैं. जिनमें सिल्ट आनी शुरू हो चुकी है. पेयजल सप्लाई पर सिल्ट की वजह से हल्की दिक्कत आनी शुरू हुई है. अत्यधिक बारिश की वजह से सिल्ट ज्यादा आयी, तो पेयजल सप्लाई पर इसका असर बड़े पैमाने पर पड़ेगा. जिससे पेयजल आपूर्ति में परेशानी हो सकती है.

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने पेयजल निगम के जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन फिल्टर प्लांट में फिल्टर पुराने हो चुके हैं, उनको बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाए. बरसात रुकने के साथ ही सभी पंपिंग स्टेशनों को तुरंत चालू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पेयजल आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न ना हो. वहीं, जिन इलाकों में पेयजल किल्लत चल रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर पानी टैंकरों से सप्लाई किया जाना सुनिश्चित किया गया है.
ये भी पढ़ें: Uttarakhand Landslide: बदरीनाथ और यमुनोत्री एनएच ब्लॉक, धारचूला-तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर भी आया मलबा

अधिशासी अभियंता जल संस्थान आरएस लोशाली ने बताया कि गोला नदी का जलस्तर 1764 क्यूसेक के आसपास है. गोला नदी में पानी के साथ पहाड़ों से भारी मात्रा में गंदगी आने के चलते फिल्टर प्लांट तक नदी से पानी नहीं पहुंच रहा है. प्लांट में सिल्ट आने पर सफाई के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया है. जहां करीब 8 घंटे तक सफाई का काम होना है, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा. इसके अलावा जिस जगह पर पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में लोगों की मुश्किलें अभी नहीं होंगी कम, भारी बारिश की चेतावनी

गोला नदी में सिल्ट आने से पेयजल समस्या

हल्द्वानी: कुमाऊं के पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. साथ ही गोला नदी में सिल्ट का आना शुरू हो गया है. जिसका सीधा असर अब पेयजल सप्लाई पर पड़ना शुरू हो रहा है, लेकिन कुछ इलाकों को छोड़कर पेयजल किल्लत जैसे हालात नही हैं, लेकिन यदि बारिश लगातार होती रही तो सिल्ट की मात्रा और ज्यादा बढ़ेगी. जिससे फिल्टर प्लांट को बंद कर साफ करने के बाद ही सप्लाई सुचारू की जा सकेगी.

गौरतलब है कि हल्द्वानी शहर की आधी आबादी की प्यास गोला नदी के पानी से बुझाई जाती है. लेकिन नदी में पानी के साथ सिल्ट आने के चलते शहर की पेयजल व्यवस्था बाधित हुई है. हल्द्वानी जल संस्थान के पास 5 वाटर फिल्टर प्लांट हैं. जिनमें सिल्ट आनी शुरू हो चुकी है. पेयजल सप्लाई पर सिल्ट की वजह से हल्की दिक्कत आनी शुरू हुई है. अत्यधिक बारिश की वजह से सिल्ट ज्यादा आयी, तो पेयजल सप्लाई पर इसका असर बड़े पैमाने पर पड़ेगा. जिससे पेयजल आपूर्ति में परेशानी हो सकती है.

जिलाधिकारी वंदना सिंह ने पेयजल निगम के जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन फिल्टर प्लांट में फिल्टर पुराने हो चुके हैं, उनको बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाए. बरसात रुकने के साथ ही सभी पंपिंग स्टेशनों को तुरंत चालू करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे पेयजल आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न ना हो. वहीं, जिन इलाकों में पेयजल किल्लत चल रही है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था के आधार पर पानी टैंकरों से सप्लाई किया जाना सुनिश्चित किया गया है.
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अधिशासी अभियंता जल संस्थान आरएस लोशाली ने बताया कि गोला नदी का जलस्तर 1764 क्यूसेक के आसपास है. गोला नदी में पानी के साथ पहाड़ों से भारी मात्रा में गंदगी आने के चलते फिल्टर प्लांट तक नदी से पानी नहीं पहुंच रहा है. प्लांट में सिल्ट आने पर सफाई के लिए सिंचाई विभाग को निर्देशित किया गया है. जहां करीब 8 घंटे तक सफाई का काम होना है, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा. इसके अलावा जिस जगह पर पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.
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