हल्द्वानीः आज से शारदीय नवरात्र शुरू हो गई हैं. इस बार नौ दिनों के बजाय आठ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाएगी. पहले दिन घरों में कलश स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जा रही है. कुमाऊं के सबसे बड़े अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.
हल्द्वानी के विभिन्न मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. श्रद्धालु मां भगवती की आराधना कर अपने परिवार की सुख-शांति की कामना कर रहे हैं तो वहीं जगह-जगह कलश यात्रा मूर्ति स्थापना की जा रही है. रानीबाग शीतला माता मंदिर, लालकुआं स्थित वंतिका कुंज मंदिर, काठगोदाम स्थित कालीचौड़ मंदिर, अष्टादश महालक्ष्मी में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ साथ महिलाएं कीर्तन कर मां भगवती की आराधना कर रही हैं.
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अष्टादश भुजा महालक्ष्मी मंदिर के महामंडलेश्वर सोमेश्वर यति जी महाराज ने बताया कि इस बार 8 दिनों तक मां भगवती की आराधना की जाएगी. 14 अक्टूबर को महानवमी के साथ मां दुर्गा की विदाई और व्रत का परायण होगा. जबकि, 15 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी. श्रद्धालुओं में नवरात्रि को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है. क्योंकि, बीते साल कोरोना के चलते कई बंदिशें थी. इस कुछ ढील दी गई है.
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अष्टादश महालक्ष्मी मंदिर में पूजा करने से बनी रहती है सुख-शांतिः अष्टादश महालक्ष्मी मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की मानें तो महालक्ष्मी की कामना करने से घर परिवार में सुख शांति की प्राप्ति होती है. महालक्ष्मी मंदिर की बड़ी आस्था है. जहां उत्तराखंड नहीं देश और विदेश के लोग भी दर्शन के लिए आते हैं. अष्टादश भुजा महालक्ष्मी की आराधना करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.