हल्द्वानी: शहर और उसके आसपास के क्षेत्र में डेंगू और संक्रामक रोग तेजी से पैर पसार रहे हैं. जहां दिनों दिन डेंगू और संक्रामक के मरीजों की लगातार संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं, डेंगू से बचने के लिए स्वास्थ्य महकमा भी हरकत में आ गया है और लोगों को बचाव की जानकारी दे रहा है. जबकि, प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू मच्छर जनित रोग है. मादा एडीज मच्छर के काटने से यह रोग होता है. डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है. डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास सफाई की व्यवस्था रखें, बचाव के लिए मच्छर प्रतिरोधक स्प्रे का इस्तेमाल करें. साफ पानी में मच्छरों को पनपने से रोकें और घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करें, बुखार आने पर पेरासिटामोल की गोलियां लें, खान-पान में विशेष ध्यान दें. इसके अलावा अगर ज्यादा परेशानी हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डॉक्टर को दिखाएं.
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विशेषज्ञ बताते हैं कि डेंगू का मच्छर एक विशेष प्रकार का विषैला मच्छर होता है. जिसे काटने से 2 से 3 दिन के भीतर ही शरीर में डेंगू का लक्षण दिखने लगता है. इस वायरस को मरीज से कंट्रोल करने में 10 से 12 दिन का समय लग जाता है.शुरुआती लक्षण में मरीज को तेज बुखार के साथ ठंड लगती हैं सिर और बदन में दर्द के साथ साथ आंखों में भी दर्द होने लगते हैं. इसके अलावा मरीज के पेट खराब हो जाना और लगातार उल्टी होना,मरीज का शरीर धीरे-धीरे कमजोर होने लगता है और चक्कर और बेहोशी भी आने लगती है. शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगते हैं.
शरीर में कमजोरी के चलते मरीज के प्लेटलेट्स धीरे-धीरे गिरने लगते. सुशीला तिवारी अस्पताल के डॉक्टर अशोक कुमार का कहना है कि डेंगू के बीमारी से लोगों की घबराने की जरूरत नहीं है। यह एक मच्छर जनित रोग है. अगर मरीज को बुखार का लक्षण दिखे तो उसको तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, वहीं जरूरी नहीं होता है कि बुखार डेंगू हो सकता है. बरसात के मौसम में वायरल होना आम बात होता है. समय पर इलाज करा लें तो डेंगू से बचा जा सकता है.