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3 दिन की बारिश से कॉर्बेट का हुआ हाल बुरा, लग्जरी रिजॉर्ट्स के मानकों पर बड़े सवाल

बीते दिनों हुई भारी बारिश से कॉर्बेट पार्क के समीप बने एक निजी रिसॉर्ट में सैलानी फंस गए थे. तत्काल ट्रैक्टर और राफ्ट के जरिये सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. सामाजिक कार्यकर्ता गणेश रावत ने इस घटना के लिए रिसॉर्ट संचालकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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रामनगर
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Published : Oct 27, 2021, 9:39 AM IST

Updated : Oct 28, 2021, 1:50 PM IST

रामनगर: बीते दिनों भारी बारिश से कुमाऊं मंडल को खासा नुकसान पहुंचा है. इससे रामनगर भी अछूता नहीं रहा. बीते दिनों हुई भारी बारिश से कॉर्बेट पार्क के लैंडस्केप व वन प्रभाग रामनगर के अंतर्गत बने रिसॉर्ट में कोसी नदी का पानी घुस आया था, जिससे सैलानी रिसॉर्ट में ही फंस गए थे. ऐसे में तत्काल ट्रैक्टर और राफ्ट के जरिये यहां फंसे सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क की जो हालत 3 दिनों की बरसात के बाद हुई है, उससे यह बात साफ हो गई है कि कॉर्बेट के अंदर बने ये लग्जरी रिजॉर्ट या तो मानकों के अनुसार नहीं बने हैं या फिर उन्हें कोसी नदी किनारे एंक्रोचमेंट करके बनाया गया है. क्योंकि ऐसे पहली बार हुआ है कि जब कोसी नदी का पानी कॉर्बेट के अंदर आकर इतनी भारी तबाही मचा गया है. इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गणेश रावत ने रिसॉर्ट संचालकों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है.

गणेश रावत का कहना है कि कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते अधिकतर रिसॉर्ट ऐसे हैं जो रिवर साइड पर हैं, और सैलानी प्रकृति का आनंद लेने के लिए ऐसे कमरों की डिमांड ज्यादा करते हैं. कई रिसॉर्ट हैं जिनमें सैलानियों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. गणेश रावत ने इसे रिसॉर्ट संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

सैलानियों की जान से खिलवाड़.

सख्त गाइडलाइन की जरूरत: उन्होंने कहा कि फंसे हुए सैलानियों और डूबे हुए रिसॉर्ट की जो तस्वीर सामने आई है. उससे क्षेत्र के पर्यटन पर गलत असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2010 की बाढ़ में भी ऐसे कई रिसॉर्ट्स में पानी घुस गया था, जिनके कमरे तक बह गए थे. उन्होंने कहा इस तरीके से कई लोग रिसॉर्ट बना रहे हैं और सुरक्षात्मक नीति नहीं अपना रहे हैं. ऐसे में इन पर सरकार को एक सख्त गाइडलाइन बनाने की जरूरत है.

पढ़ें-चमोली जिला पंचायत में सियासी घमासान, जिप अध्यक्ष ने आरोपों को बताया निराधार

वहीं, हाईकोर्ट ने भी यहां पाया है कि कई रिवर साइड पर रिसॉर्ट हैं, जो जंगल में अतिक्रमण कर बनाए गए हैं. हालांकि, इस पर अभी स्टे चल रहा है, लेकिन यह चीजें जाहिर तौर पर सामने आई थीं. गणेश रावत ने कहा कि इन चीजों को लेकर कोई गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत है.

व्यवसाय प्रभावित: कॉर्बेट पार्क में व्यवसाय करने वाले संजय छिम्वाल ने कहा कि बीते 2 सप्ताह पूर्व आपदा से कई लोग प्रभावित हुए हैं. कोरोना के बाद जैसे ही सब सामान्य हो रहा था और पर्यटक कॉर्बेट पार्क की तरफ रुख कर रहे थे, लेकिन बाढ़ की वजह से आई आपदा की वजह से आज बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. उन्होंने कहा कि वो आशा करते हैं आने वाले समय में सभी चीजें सामान्य हों.

कॉर्बेट क्षेत्र को करोड़ों का नुकसान: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि 18 और 19 अक्टूबर को हुई बारिश की वजह से कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग जोनों में जो रोड हैं, वो ध्वस्त हो चुकी हैं. ऐसे में बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. राहुल कुमार ने बताया कि ऑल इंडिया टाइगर ऐस्टीमेशन के लिए 550 कैमरे लगाए गए थे, जिसमें कॉर्बेट पार्क के अंदर 100 कैमरे बारिश में बह गए. कॉर्बेट पार्क को लगभग 4 करोड़ से ऊपर का नुकसान इस बारिश की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि हालांकि कॉर्बेट पार्क के झिरना, ढेला जोन के साथ ही गर्जिया और बिजरानी जोन सुचारू कर दिया गया है लेकिन पिछले हफ्ते से सैलानियों की बुकिंग कम हुई है.

पढ़ें- BJP छोड़ने के सवाल पर बोले हरक- 'जिंदगी की गारंटी नहीं तो पार्टी की कैसे होगी?'

रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने कहा कि कोसी नदी कॉर्बेट और वन प्रभाग को डिवाइड करती है. उन्होंने कहा कि जो हमारा क्षेत्र है उसमें से कई रिसॉर्ट हैं जो रोड से लेकर कोसी नदी के पास तक हैं, जिसमें उनकी टीम लगातार निगरानी रखती है कि कोई रिसॉर्ट अतिक्रमण न करें. उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता रहता है.

जोशी ने बताया कि नदी की तरफ अगर कोई रुख करते हैं तो उन्हें चेतावनी देकर खाली करवा दिया जाता है. हालांकि, बीते दिनों हुई बारिश के कारण नदी कटाव क्षेत्र काफी बढ़ा है. सुंदरखाल क्षेत्र में घरों को भी काफी क्षति हुई है. नुकसान का आकलन किया जा रहा है. बाढ़ सुरक्षा के कार्य के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.

रामनगर: बीते दिनों भारी बारिश से कुमाऊं मंडल को खासा नुकसान पहुंचा है. इससे रामनगर भी अछूता नहीं रहा. बीते दिनों हुई भारी बारिश से कॉर्बेट पार्क के लैंडस्केप व वन प्रभाग रामनगर के अंतर्गत बने रिसॉर्ट में कोसी नदी का पानी घुस आया था, जिससे सैलानी रिसॉर्ट में ही फंस गए थे. ऐसे में तत्काल ट्रैक्टर और राफ्ट के जरिये यहां फंसे सैलानियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क की जो हालत 3 दिनों की बरसात के बाद हुई है, उससे यह बात साफ हो गई है कि कॉर्बेट के अंदर बने ये लग्जरी रिजॉर्ट या तो मानकों के अनुसार नहीं बने हैं या फिर उन्हें कोसी नदी किनारे एंक्रोचमेंट करके बनाया गया है. क्योंकि ऐसे पहली बार हुआ है कि जब कोसी नदी का पानी कॉर्बेट के अंदर आकर इतनी भारी तबाही मचा गया है. इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता गणेश रावत ने रिसॉर्ट संचालकों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है.

गणेश रावत का कहना है कि कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते अधिकतर रिसॉर्ट ऐसे हैं जो रिवर साइड पर हैं, और सैलानी प्रकृति का आनंद लेने के लिए ऐसे कमरों की डिमांड ज्यादा करते हैं. कई रिसॉर्ट हैं जिनमें सैलानियों की सुरक्षा का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. गणेश रावत ने इसे रिसॉर्ट संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

सैलानियों की जान से खिलवाड़.

सख्त गाइडलाइन की जरूरत: उन्होंने कहा कि फंसे हुए सैलानियों और डूबे हुए रिसॉर्ट की जो तस्वीर सामने आई है. उससे क्षेत्र के पर्यटन पर गलत असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2010 की बाढ़ में भी ऐसे कई रिसॉर्ट्स में पानी घुस गया था, जिनके कमरे तक बह गए थे. उन्होंने कहा इस तरीके से कई लोग रिसॉर्ट बना रहे हैं और सुरक्षात्मक नीति नहीं अपना रहे हैं. ऐसे में इन पर सरकार को एक सख्त गाइडलाइन बनाने की जरूरत है.

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वहीं, हाईकोर्ट ने भी यहां पाया है कि कई रिवर साइड पर रिसॉर्ट हैं, जो जंगल में अतिक्रमण कर बनाए गए हैं. हालांकि, इस पर अभी स्टे चल रहा है, लेकिन यह चीजें जाहिर तौर पर सामने आई थीं. गणेश रावत ने कहा कि इन चीजों को लेकर कोई गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत है.

व्यवसाय प्रभावित: कॉर्बेट पार्क में व्यवसाय करने वाले संजय छिम्वाल ने कहा कि बीते 2 सप्ताह पूर्व आपदा से कई लोग प्रभावित हुए हैं. कोरोना के बाद जैसे ही सब सामान्य हो रहा था और पर्यटक कॉर्बेट पार्क की तरफ रुख कर रहे थे, लेकिन बाढ़ की वजह से आई आपदा की वजह से आज बुकिंग कैंसिल हो रही हैं. उन्होंने कहा कि वो आशा करते हैं आने वाले समय में सभी चीजें सामान्य हों.

कॉर्बेट क्षेत्र को करोड़ों का नुकसान: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि 18 और 19 अक्टूबर को हुई बारिश की वजह से कॉर्बेट पार्क के अलग-अलग जोनों में जो रोड हैं, वो ध्वस्त हो चुकी हैं. ऐसे में बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. राहुल कुमार ने बताया कि ऑल इंडिया टाइगर ऐस्टीमेशन के लिए 550 कैमरे लगाए गए थे, जिसमें कॉर्बेट पार्क के अंदर 100 कैमरे बारिश में बह गए. कॉर्बेट पार्क को लगभग 4 करोड़ से ऊपर का नुकसान इस बारिश की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि हालांकि कॉर्बेट पार्क के झिरना, ढेला जोन के साथ ही गर्जिया और बिजरानी जोन सुचारू कर दिया गया है लेकिन पिछले हफ्ते से सैलानियों की बुकिंग कम हुई है.

पढ़ें- BJP छोड़ने के सवाल पर बोले हरक- 'जिंदगी की गारंटी नहीं तो पार्टी की कैसे होगी?'

रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्रशेखर जोशी ने कहा कि कोसी नदी कॉर्बेट और वन प्रभाग को डिवाइड करती है. उन्होंने कहा कि जो हमारा क्षेत्र है उसमें से कई रिसॉर्ट हैं जो रोड से लेकर कोसी नदी के पास तक हैं, जिसमें उनकी टीम लगातार निगरानी रखती है कि कोई रिसॉर्ट अतिक्रमण न करें. उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता रहता है.

जोशी ने बताया कि नदी की तरफ अगर कोई रुख करते हैं तो उन्हें चेतावनी देकर खाली करवा दिया जाता है. हालांकि, बीते दिनों हुई बारिश के कारण नदी कटाव क्षेत्र काफी बढ़ा है. सुंदरखाल क्षेत्र में घरों को भी काफी क्षति हुई है. नुकसान का आकलन किया जा रहा है. बाढ़ सुरक्षा के कार्य के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.

Last Updated : Oct 28, 2021, 1:50 PM IST
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