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देश विदेश के बाजारों को रौशन कर रही नैनीताल की 'मोमबत्ती', जानिए क्या है खासियत

नैनीताल की मोमबत्ती (Nainital candle) विदेशों को रौशन कर रही हैं. GI टैग (Nainital candle gets GI tag) मिलने के बाद नैनीताल की मोमबत्ती को देश विदेश में नई पहचान मिल रही है. नैनाताल की मोमबत्ती बिना मशीन के तैयार (Nainital candle ready without machine) की जाती है. यहां आने वाले पर्यटक यहां की मोमबत्ती साथ ले जाना नहीं भूलते.

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देश-विदेश के बाजारों को रौशन कर रही नैनीताल की 'मोमबत्ती'
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Published : Oct 24, 2022, 1:03 PM IST

Updated : Oct 24, 2022, 3:29 PM IST

नैनीताल: सरोवर नगरी में बनने वाली मोमबत्ती (Nainital candle) दीपावली के मौके पर देश विदेशों के बाजारों में धूम (Nainital candle making splash in foreign markets) मचा रही हैं. नैनीताल में बनने वाली मोमबत्ती की विदेशों में काफी मांग (Nainital candle demand abroad) है. जिससे नैनीताल के कारोबारी काफी खुश नजर आ रहे हैं. नैनीताल की मोमबत्तियों की विदेशों में मांग को देखते हुए इन्हें जीआई टैग दिया गया है. जिसके बाद से ही नैनीताल की मोमबत्ती को वैश्विक बाजार में अच्छी जगह मिली है. इससे कारोबार में भी कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है.

अब तक आप सरोवर नगरी नैनीताल को पर्यटन और सैर सपाटे के लिए जानते थे. अब सरोवर नगरी नैनीताल मोमबत्ती के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रही है. नैनीताल में बनी मोमबत्ती देश ही नहीं बल्की विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है. दीपावली के समय मोमबत्तियों का महत्व बढ़ जाता है. नैनीताल की खूबसूरत और रंग बिरंगी मोमबत्ती हाथों से विभिन्न स्वरूपों में बनाई जाती हैं. दिपावली शुरू होते ही नैनीताल में मोमबत्तियों का कारोबार बढ़ गया है.

देश-विदेश के बाजारों को रौशन कर रही नैनीताल की 'मोमबत्ती'
पढे़ं- केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने देशवासियों को दी दिवाली की बधाई, चारधाम के लिए पीएम के प्रयासों को सराहा

पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े दामों ने कम की रौनक: नैनीताल के मोमबत्ती उद्योग पर पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े दामों का असर भी पड़ा है. पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों ने कैंडल कारोबारियों की कमर तोड़ दी है. एक समय था जब शहर भर में 80 से 90 छोटे बड़े मोमबत्ती के उद्योग चला करते थे. यह कारोबार शहर के सैकड़ों लोगों की आजीविका का भी एक प्रमुख जरिया था. मगर जैसे जैसे महंगाई बढ़ी, शहर से मोमबत्ती का कुटीर उद्योग गायब होने लगा. अब हालत यह हैं कि शहर में महज 10 से 15 मोमबत्तियों के कारीगर रह गये हैं.
पढे़ं- Diwali celebration : दीपावली विशेष राशिफल व राशि अनुसार करें खास पूजा और उपाय.

बिना मशीन के तैयार होती हैं मोमबत्तियां: बाजार में सजी शानदार मोमबत्तियों को खूबसूरत आकार देने में भी बड़ी मेहनत लगी होती है. इन खूबसूरत मोमबत्तियों को बड़े जतन और हुनर के साथ सजाया संवारा जाता है. नैनीताल के गिने चुने मोमबत्ती उद्योगों में महिलाएं अपने हाथों के हुनर से शानदार मोमबत्ती बनाने में जुटी हैं. छोटे से घर में कुटीर उद्योग के रूप में मोमबत्ती बानकर ये महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. वैक्स को पिघलाकर उसमें चमकीले रंगों को मिलाया जाता है. जिनमें से कुछ मोमबत्तियां ग्लास या सांचों में वैक्स भरकर बनाई जाती हैं. कुछ विशेष प्रकार की मोमबत्तियां हैं जिन्हें महिलाएं केवल अपने हाथों से बनाती हैं. नैनीताल की इन मोमबत्तियों की यह खासियत है कि इन मोमबत्तियों को बनाने में किसी भी तरह की मशीन का प्रयोग नहीं होता. इस बार लोगों को उम्मीद है कि दीपावली में मोमबत्ती का कारोबार अच्छा चलेगा.

नैनीताल: सरोवर नगरी में बनने वाली मोमबत्ती (Nainital candle) दीपावली के मौके पर देश विदेशों के बाजारों में धूम (Nainital candle making splash in foreign markets) मचा रही हैं. नैनीताल में बनने वाली मोमबत्ती की विदेशों में काफी मांग (Nainital candle demand abroad) है. जिससे नैनीताल के कारोबारी काफी खुश नजर आ रहे हैं. नैनीताल की मोमबत्तियों की विदेशों में मांग को देखते हुए इन्हें जीआई टैग दिया गया है. जिसके बाद से ही नैनीताल की मोमबत्ती को वैश्विक बाजार में अच्छी जगह मिली है. इससे कारोबार में भी कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है.

अब तक आप सरोवर नगरी नैनीताल को पर्यटन और सैर सपाटे के लिए जानते थे. अब सरोवर नगरी नैनीताल मोमबत्ती के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रही है. नैनीताल में बनी मोमबत्ती देश ही नहीं बल्की विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है. दीपावली के समय मोमबत्तियों का महत्व बढ़ जाता है. नैनीताल की खूबसूरत और रंग बिरंगी मोमबत्ती हाथों से विभिन्न स्वरूपों में बनाई जाती हैं. दिपावली शुरू होते ही नैनीताल में मोमबत्तियों का कारोबार बढ़ गया है.

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पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े दामों ने कम की रौनक: नैनीताल के मोमबत्ती उद्योग पर पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े दामों का असर भी पड़ा है. पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों ने कैंडल कारोबारियों की कमर तोड़ दी है. एक समय था जब शहर भर में 80 से 90 छोटे बड़े मोमबत्ती के उद्योग चला करते थे. यह कारोबार शहर के सैकड़ों लोगों की आजीविका का भी एक प्रमुख जरिया था. मगर जैसे जैसे महंगाई बढ़ी, शहर से मोमबत्ती का कुटीर उद्योग गायब होने लगा. अब हालत यह हैं कि शहर में महज 10 से 15 मोमबत्तियों के कारीगर रह गये हैं.
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बिना मशीन के तैयार होती हैं मोमबत्तियां: बाजार में सजी शानदार मोमबत्तियों को खूबसूरत आकार देने में भी बड़ी मेहनत लगी होती है. इन खूबसूरत मोमबत्तियों को बड़े जतन और हुनर के साथ सजाया संवारा जाता है. नैनीताल के गिने चुने मोमबत्ती उद्योगों में महिलाएं अपने हाथों के हुनर से शानदार मोमबत्ती बनाने में जुटी हैं. छोटे से घर में कुटीर उद्योग के रूप में मोमबत्ती बानकर ये महिलाएं अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं. वैक्स को पिघलाकर उसमें चमकीले रंगों को मिलाया जाता है. जिनमें से कुछ मोमबत्तियां ग्लास या सांचों में वैक्स भरकर बनाई जाती हैं. कुछ विशेष प्रकार की मोमबत्तियां हैं जिन्हें महिलाएं केवल अपने हाथों से बनाती हैं. नैनीताल की इन मोमबत्तियों की यह खासियत है कि इन मोमबत्तियों को बनाने में किसी भी तरह की मशीन का प्रयोग नहीं होता. इस बार लोगों को उम्मीद है कि दीपावली में मोमबत्ती का कारोबार अच्छा चलेगा.

Last Updated : Oct 24, 2022, 3:29 PM IST
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