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छात्रवृत्ति घोटाला: देहरादून और हरिद्वार एसएसपी हाईकोर्ट में हुए पेश

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Published : Jan 9, 2020, 8:33 PM IST

पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी से छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन दोनों ने कोई भी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की थी.

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नैनीताल

नैनीताल: उत्तराखंड के कथित 500 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में गुरुवार को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मालमे में हरिद्वार और देहरादून एसएसपी कोर्ट में पेश हुई. कोर्ट ने दोनों छात्रवृत्ति घोटाले की जांच जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही कोर्ट ने एसआईटी को आदेश दिए हैं कि घोटाले के मामले में चार्टशीट ऑफ फाइनल रिपोर्ट एसआई के द्वारा कोर्ट में पेश की जाए.

देहरादून और हरिद्वार एसएसपी हाईकोर्ट में पेश हुए.

बता दें कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी से छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन दोनों ने कोई भी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोनों जिलों के एसएसपी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

पढ़ें- छात्रवृत्ति घोटाला: देहरादून और हरिद्वार SSP से हाईकोर्ट नाराज, कारण बताओ नोटिस जारी

गौरतलब हो कि देहरादून निवासी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि समाज कल्याण विभाग ने 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है, जबकि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित की थी और तीन माह में जांच पूरी करने को कहा था. लेकिन इसपर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. साथ ही याचिकाकर्ता इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की है.

नैनीताल: उत्तराखंड के कथित 500 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में गुरुवार को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मालमे में हरिद्वार और देहरादून एसएसपी कोर्ट में पेश हुई. कोर्ट ने दोनों छात्रवृत्ति घोटाले की जांच जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही कोर्ट ने एसआईटी को आदेश दिए हैं कि घोटाले के मामले में चार्टशीट ऑफ फाइनल रिपोर्ट एसआई के द्वारा कोर्ट में पेश की जाए.

देहरादून और हरिद्वार एसएसपी हाईकोर्ट में पेश हुए.

बता दें कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी से छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन दोनों ने कोई भी रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की थी. जिस पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए दोनों जिलों के एसएसपी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

पढ़ें- छात्रवृत्ति घोटाला: देहरादून और हरिद्वार SSP से हाईकोर्ट नाराज, कारण बताओ नोटिस जारी

गौरतलब हो कि देहरादून निवासी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि समाज कल्याण विभाग ने 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है. जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है, जबकि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने एसआईटी गठित की थी और तीन माह में जांच पूरी करने को कहा था. लेकिन इसपर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी. साथ ही याचिकाकर्ता इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की है.

Intro:Summry

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करें एसआईटी।

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प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में लापरवाही बरतने के मामले में एसएसपी हरिद्वार और एसएसपी देहरादून आज हाई कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जिसके बाद कोर्ट ने एसआईटी को छात्रवृत्ति घोटाले की जांच जल्द पूरा करने का निर्देश दिए हैं साथ ही कोर्ट ने मामले में एसआईटी को आदेश दिए हैं कि घोटाले के मामले में चार्ट शीट ऑफ फाइनल रिपोर्ट एस आई के द्वारा ही कोर्ट में पेश की जाएगी।


Body:आपको बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट द्वारा हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी को घोटाले के मामले में प्रगति रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे इसके बावजूद भी हरिद्वार और देहरादून के एसएसपी ने घोटाले के मामले में कोई रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं की जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य न्यायधीश की खंडपीठ ने दोनों ही एसएसपी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए थे


Conclusion:आपको बता दें कि देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है, जबकि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा एसआईटी गठित की गई थी और 3 माह में जांच पूरी करने को कहा था परंतु इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी, साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए।

बाईट- ललित सामन्त,अधिवक्ता राज्य सरकार।
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