हल्द्वानी: प्रदेश में लंबे समय से बारिश और बर्फबारी न होने से किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ गई है. पूरे प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं ऐसे में कृषि विभाग ने सभी कृषि अधिकारियों को एडवाइजरी जारी की है. किसानों की बागवानी के साथ-साथ गेहूं,तिलहन और दलहन की फसल खेतों में लगी हुई है. लेकिन समय से बरसात नहीं होने के चलते किसानों के सामने संकट पैदा हो गया है. सबसे ज्यादा हालत पहाड़ के असिंचित क्षेत्रों में देखा जा रहा है.
जानकारों की मानें तो आगामी दो सप्ताह तक बारिश नहीं होती है तो सूखे से गेहूं की फसल को नुकसान होगा. पहाड़ों में खेती के लिए किसानों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है. लेकिन उधमसिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून के अलावा मैदानी क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा होने से फसल पर कम असर पड़ेगा. लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में गेहूं व अन्य फसलों के लिए बारिश जरूरी है. संयुक्त कृषि निदेशक कुमाऊं मंडल प्रदीप कुमार सिंह के मुताबिक इस सीजन में कुमाऊं मंडल में 1 लाख 75 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई, जबकि 20 हजार 500 हेक्टेयर में दलहन, 6 हजार 7000 हेक्टेयर में दलहन की बुआई हुई है.
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बारिश नहीं होने के चलते वर्तमान समय में मैदानी क्षेत्रों में फसल पर उतना असर नहीं देखा जा रहा है. लेकिन पहाड़ पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से इसका असर दिखने लगा है. लेकिन अभी तक कहीं से सूखे जैसे हालात सामने नहीं आई हैं. फिर भी जिले के सभी कृषि विभाग के अधिकारियों और फील्ड कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. सभी को किसानों के फसलों की निगरानी करने और उसका सर्वे कर विभाग को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि सूखे की स्थिति में विभाग को अवगत कराएं और जहां कहीं भी सिंचाई के साधन है उससे फसलों की सिंचाई करें.
विकासनगर में बारिश ना होने से किसान परेशान: विकासनगर क्षेत्र की अधिकांश कृषि बारिश पर निर्भर है. क्षेत्र में लंबे समय से बारिश ना होने से फसल पर इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. समय से बारिश ना होने से गेहूं, जौ, मटर की फसलों की ग्रोथ थम सी गई है. जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है.