हल्द्वानीः बहुचर्चित भुप्पी पांडे हत्याकांड मामले में आरोपी गुप्ता बंधुओं को जिला कोर्ट ने सजा सुनाई है. भुप्पी पांडे हत्याकांड में आरोपी दोनों भाई सौरभ गुप्ता और गौरव गुप्ता को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. साथ ही दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बता दें कि मामला 15 दिसंबर 2019 का है. जब हल्द्वानी के सिंधी चौराहे पर दिनदहाड़े काठगोदाम निवासी व्यापारी भूपेंद्र चंद्र पांडे उर्फ भुप्पी पांडे की सौरभ गुप्ता और गौरव गुप्ता दोनों भाइयों ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया था. मामले की सुनवाई काफी लंबी चली और आज न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुजाता सिंह ने दोनों भाइयों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुना दी है.
अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि पूरे केस में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. इस हत्याकांड मामले में साक्षी दिनेश सागर की ओर से 28 अक्टूबर 2019 को हल्द्वानी थाने में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ धारा 420, 504 भावसं और एससी एसटी एक्ट के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इतना ही नहीं आरोपी दिनेश सागर से केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे.
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वहीं, दिनेश सागर की ओर से केस वापस लेने से मना करने पर आरोपियों ने अपनी दुकान सिंधी चौराहे के पास घात लगाकर उसे मारने का प्रयास भी किया. दिनेश सागर को बचाने की कोशिश करने पर गुप्ता बंधुओं ने भूपेंद्र चंद्र पांडे उर्फ भुप्पी को गोली मार दी थी. अब न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश नैनीताल सुजाता सिंह ने आरोपी गौरव गुप्ता और सौरभ गुप्ता को आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.
अर्थदंड जमा न करने पर 3 साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. आरोपियों ने भूपेंद्र पांडे की लाइसेंसी पिस्टल लूटी थी, फिर उसी से उस पर गोली चलाई थी. साथ ही गुप्ता बंधुओं ने अपने लाइसेंसी पिस्टल से भी गोली दागी थी. इस मामले में गौरव गुप्ता ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल का दुरुपयोग किया था. इसलिए धारा 30 आयुध अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए आरोपी को 6 महीने की कारावास और 1 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है. अगर अर्थदंड अदा नहीं किया तो इस मामले में 1 महीने की सजा काटनी होगी.
वहीं, न्यायालय ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि आयुध अधिनियम की धारा 32 के प्रावधानों के अनुसार दोषी गौरव गुप्ता के लाइसेंसी पिस्टल को राज्य सरकार के पक्ष में जब्त किया जाए. क्योंकि, गौरव गुप्ता ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल का दुरुपयोग किया था. इसके अलावा राज्य सरकार को भुप्पी की पत्नी विनीता पांडे को नियमानुसार सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं.
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