हल्द्वानी: तहसील हल्द्वानी में गबन के मामले से हड़कंप मचा हुआ है. तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि मामला 5 साल पुराना है. इसकी विभागीय जांच चल रही थी. जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह के निर्देश पर आरोपी के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी गई. तहसीलदार सचिन कुमार ने बताया कि पांच साल पहले मोहम्मद जफर आलम हल्द्वानी तहसील में नायब नाजिर के पद पर तैनात था.
नायब नाजिर ने ऐसे किया गबन: वर्तमान में जफर आलम नैनीताल तहसील में कार्यरत है. जांच में सामने आया कि नायब नाजिर जफर आलम द्वारा खतौनी मद, ई-जनाधार और वासिल वाकी नवीस के लिए आने वाला धन सरकारी कोष में जमा करने के बजाय अपनी जेब में रख लिया गया. पद पर रहते हुए जफर ने 42 लाख 32 हजार 262 रुपये का गबन किया है. विभागीय जांच में पता चला कि नाजिर ने खतौनी मद में 27 लाख 8 हजार 10 रुपये, ई-जनाधार से प्राप्त आय के 14 लाख 92 हजार 452 रुपये और वासिल वाकी नवीस (आय-व्यय) के 28,800 रुपये गबन कर दिए. जबकि जनाधार केंद्रों से वसूली गई इस रकम को विभागीय बैंक खाते में जमा कराना था. लेकिन आरोपी सरकारी कोष में धन जमा करने की बजाय अपनी जेब में रखता गया.
सारी जांचों में पाया गया दोषी: बताया जा रहा है कि 2020 में पूरे मामले की जांच तत्कालीन तहसीलदार नितेश डांगर को सौंपी गई थी. नितेश ने भी आरोपों की पुष्टि की और रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी. इसके बाद वर्ष 2021 में सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को जांच करने को कहा गया. उनकी जांच में भी आरोप सही पाए गए. बार-बार जांच और जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद भी मोहम्मद जफर आलम पर कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में जिलाधिकारी नैनीताल के निर्देश के बाद तहसीलदार हल्द्वानी सचिन कुमार ने आरोपी मोहम्मद जफर आलम के खिलाफ हल्द्वानी कोतवाली में धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
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