हल्द्वानी: विशेष न्यायाधीश पोक्सो अर्चना सागर की अदालत ने नाबालिग के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक दोषी को 20 साल की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले में एक अन्य आरोपी ने पूर्व में सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज के दौरान छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी.
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि रामनगर के पीरुमदार क्षेत्र की रहने वाली 17 साल की नाबालिग लड़की का 29 दिसंबर 2016 को बाइक सवार दो युवकों ने अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों नाबालिग को खेत में फेंककर फरार हो गए थे.
पढ़ें- उत्तरकाशी: एक से किया शादी का वादा, दूसरी से झांसा देकर किया दुष्कर्म
पीड़िता ने पूरी घटना अपने परिजनों को बताई थी. परिजनों ने रामनगर कोतवाली में अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस में सीसीटीवी कैमरे के आधार पर दो युवकों की पहचान की. जांच में सामने आया कि दोनों युवक नाबालिग को अपहरण कर काशीपुर ले गए थे, जहां उन्होंने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था.
इस मामले में पुलिस ने आरोपी शहनवाज उर्फ खान निवासी बिलारी मुरादाबाद और अकील उर्फ अमित निवासी काशीपुर को गिरफ्तार किया था. जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि अकील उर्फ अमित ने 6 मार्च 2018 को सुशीला तिवारी अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी. पूरे मामले में 11 गवाहों के बयान के आधार पर शाहनवाज उर्फ खान को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई. साथ ही ₹40000 का अर्थदंड भी लगाया.