हल्द्वानी: लालकुआं स्थित वन अनुसंधान वाटिका (Lalkuan Forest Research Vatika) में फाइकस प्रजातियों के पेड़ों को लगाया गया है. इस कारण फाइकस पार्क लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है. वहीं फाइकस पार्क (Haldwani Ficus Park) अब शोधार्थियों और जानकारों के लिए भी खोल दिया गया है. फाइकस पार्क में धार्मिक मान्यता के साथ ही औषधीय गुण वाले पौधे भी रोपे गए हैं. जिसका विद्यार्थी और जानकार अध्ययन कर सकते हैं.
देश के पहले फाइकस पार्क का निरीक्षण करने पहुंचे प्रमुख वन संरक्षक विनोद सिंघल (Chief Conservator of Forest Vinod Singhal) ने इसे वन विभाग (Forest Department) की सराहनीय पहल बताया. बुधवार को वन वाटिका का स्थलीय निरीक्षण करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान विनोद सिंघल ने बताया कि देश भर के विभिन्न राज्यों से 106 प्रजातियों के फाइकस पौधों को यहां संरक्षित किया गया है और जिनमें से कई ऐसे पौधे हैं जो विलुप्त प्राय हैं. वहीं फाइकस पार्क रिसर्च के लिए और जानकारों के लिए भी खोल दिया गया है. फाइकस का इको सिस्टम पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसके रिसर्च के लिए लोग यहां आने लगे हैं.
विनोद सिंघल ने कहा कि यह अनुसंधान केंद्र विभिन्न विलुप्त होती प्रजातियों को भी संरक्षित करने में लगा हुआ है. साथ ही वन विभाग में प्लांटेशन में हुई गड़बड़ी के मामले में पूछे गए सवाल पर पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने बताया कि फिलहाल प्रथम दृष्टया संबंधित अधिकारी को निलंबित किया है और पूरे मामले की इंटरनल और आउटडोर ऑडिट चल रही है. जैसे ही ऑडिट रिपोर्ट आएगी उसके पश्चात ही यह पता चलेगा कि प्लांटेशन किस प्रकार हुआ और कारण भी तलाशे जाएंगे. अगर लापरवाही हुई तो उक्त अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी.