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RTI में भ्रष्टाचार का खुलासा, सिर्फ कागजों में ही हुआ था पुलिया और टंकी का निर्माण

ग्राम पंचायत जयपुर खीमा में स्थानीय लोगों ने ग्राम प्रधान और अधिकारियों पर मिलीभगत करके पैसों का घपला करने के आरोप लगाया है. साथ ही कई निर्माण कार्य को कागजों में पूरा करवा दिया गया है.

RTI से हुआ बड़ा खुलासा.
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Published : Jul 6, 2019, 2:38 PM IST

हल्द्वानी: सूबे में बीजेपी सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की बात कर रही हो, लेकिन सच्चाई स्थिति से बिल्कुल परे है. आरटीआई के खुलासे में पता लगा है कि हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा में प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों के नाम पर मिलने वाली योजनाओं में घपला किया जा रहा है. गरीबों को मिलने वाली कई योजनाओं का कागजों में कई वर्ष पहले ही निर्माण हो चुका है, लेकिन गरीबों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

मामला हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा का है, जहां कई योजनाओं के नाम पर ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने मिलकर आवंटित धनराशि का बंदरबांट किया. सूचना के अधिकार अधिनियम से हुए खुलासे के बाद प्रधान ने इस मामले को गलती का हवाला देते हुए निर्माण कार्य शुरू करवा दिया.

जयपुर खीमा निवासी ग्रामीण कृष्णानंद पढालनी ने विकासखंड हल्द्वानी से सूचना मांगकर 14 वित्त और चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से रिपोर्ट मांगी. जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. आरटीआई से हुए खुलासे से पता लगा कि गिरीश चंद्र बिरखानी ने कागजों में 2017-18 में राज्य वित्त से पुलिया का निर्माण कराया, लेकिन धरातल पर पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है.

RTI से हुआ बड़ा खुलासा.

ये भी पढ़ें: ग्रीन बोनस ना मिलने पर CM त्रिवेंद्र का बयान, बोले- नीति आयोग से है उम्मीद

महिला गंगा राणा का आरोप है कि यहां 14 वित्त के तहत पेयजल टंकी का निर्माण कागजों में तो हो गया, लेकिन धरातल पर निर्माण नहीं हो सका. साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया. बताया जा रहा है कि कई ऐसे पात्र हैं जिनको शौचालय के नाम पर धन तो आवंटित किया गया, लेकिन पात्र व्यक्ति वहां रहते ही नहीं हैं.

वहीं, इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान पति चंद्रशेखर पंत ने बताया कि इस योजना का काम गलती से किसी अन्य जगह पर हो गया है. जिसको सुधार कर अब पात्र लोगों को उसका लाभ दिया जा रहा है. इस पूरे मामले में विकास खंड अधिकारी बोलने से बचते नजर आए. साथ ही मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं.

हल्द्वानी: सूबे में बीजेपी सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की बात कर रही हो, लेकिन सच्चाई स्थिति से बिल्कुल परे है. आरटीआई के खुलासे में पता लगा है कि हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा में प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों के नाम पर मिलने वाली योजनाओं में घपला किया जा रहा है. गरीबों को मिलने वाली कई योजनाओं का कागजों में कई वर्ष पहले ही निर्माण हो चुका है, लेकिन गरीबों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.

मामला हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा का है, जहां कई योजनाओं के नाम पर ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने मिलकर आवंटित धनराशि का बंदरबांट किया. सूचना के अधिकार अधिनियम से हुए खुलासे के बाद प्रधान ने इस मामले को गलती का हवाला देते हुए निर्माण कार्य शुरू करवा दिया.

जयपुर खीमा निवासी ग्रामीण कृष्णानंद पढालनी ने विकासखंड हल्द्वानी से सूचना मांगकर 14 वित्त और चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से रिपोर्ट मांगी. जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. आरटीआई से हुए खुलासे से पता लगा कि गिरीश चंद्र बिरखानी ने कागजों में 2017-18 में राज्य वित्त से पुलिया का निर्माण कराया, लेकिन धरातल पर पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है.

RTI से हुआ बड़ा खुलासा.

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महिला गंगा राणा का आरोप है कि यहां 14 वित्त के तहत पेयजल टंकी का निर्माण कागजों में तो हो गया, लेकिन धरातल पर निर्माण नहीं हो सका. साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया. बताया जा रहा है कि कई ऐसे पात्र हैं जिनको शौचालय के नाम पर धन तो आवंटित किया गया, लेकिन पात्र व्यक्ति वहां रहते ही नहीं हैं.

वहीं, इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान पति चंद्रशेखर पंत ने बताया कि इस योजना का काम गलती से किसी अन्य जगह पर हो गया है. जिसको सुधार कर अब पात्र लोगों को उसका लाभ दिया जा रहा है. इस पूरे मामले में विकास खंड अधिकारी बोलने से बचते नजर आए. साथ ही मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं.

Intro:Sammry- गरीबों के हिस्से में भी भ्रष्टाचार एंकर- जीरो टैलेंट की बात करने वाली त्रिवेंद्र सरकार में भी भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। गरीबों के नाम पर मिलने वाले योजनाओं का पैसा किस तरह से ग्राम प्रधान ने अधिकारियों के साथ मिलकर गटक गए इसका खुलासा आरटीआई से हुआ है । गरीबों के मिलने वाले कई योजनाओं का कागजों में कई वर्ष पहले ही निर्माण हो चुका है लेकिन गरीबों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। बाइट-1-कृष्णानंद पढ़ालनी आरटीआई कार्यकर्ता। बाइट -2-गंगा राणा पीड़ित ग्रामीण महिला। बाइट-3- गिरीश चंद्र बिरखानी


Body:मामला हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा का है जहां कई योजनाओं के नाम पर ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने मिलकर पैसे का जमकर बंदरबांट किया है। सूचना के अधिकार अधिनियम से खुलासा होने के बाद प्रधान इस मामले को गलती के हवाला देते हुए निर्माण काम शुरू करवा दिया है। दरअसल जयपुर खीमा निवासी ग्रामीण कृष्णानंद पढालनी ने विकासखंड हल्द्वानी से सूचना मांगी 14 वित्त व चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से उनके गांव में कितने लोगों को कौन-कौन सी योजना का लाभ और किन किन लोगों को मिला है जिस पर मामला चौकानेवाले सामने आए हैं। आरटीआई से यह भी खुलासा हुआ है कि गिरीश चंद्र बिरखानी के यहां 2017- 18 में राज्य वित्त से पुलिया का निर्माण किया गया है लेकिन धरातल पर पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है। यही नहीं2017-18में गंगा राणा नाम की महिला के यहां 14 वित्त के तहत पेयजल टंकी का निर्माण होना था जो कागजों में निर्माण हो गया है लेकिन धरातल पर निर्माण नहीं हुआ है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। बताया जा रहा है कि कई ऐसे पात्र हैं जिनको शौचालय के नाम पर धन तो आवंटन किया गया है लेकिन पात्र व्यक्ति वहां नहीं रहते हैं। यही नहीं जब मामले का खुलासा हुआ तो ग्राम प्रधान अब इस निर्माण कार्य को कराने में जुटा हुआ है।


Conclusion:वहीं इस पूरे मामले में ग्राम प्रधान पति चंद्रशेखर पंत का कहना है कि इस योजना का काम गलती से किसी अन्य जगह पर हो गया है। जिसको सुधार कर अब पात्र लोगों को उसका लाभ दिया जा रहा है। बाइट-चंद्रशेखर पंत प्रधान पति। इस पूरे मामले में विकास खंड अधिकारी बोलने से बच रहे हैं और मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं।
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