नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एमडीडीए द्वारा पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सचिव एमडीडीए ब्रिजेश कुमार सन्त को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने पूछा है कि क्या वजह रही जो अभी तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया?.
जानकारी के मुताबिक, 2018 में उच्च न्यायालय ने मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए थे कि देहरादून के ट्रांसपोर्ट नगर में राज्य का पहला अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय दो साल के भीतर बनाया जाये. यह समयावधि 2 अक्टूबर 2020 को समाप्त हो गयी. ऐसे में अभी तक चिकित्सालय निर्माण के लिए कागजी कार्रवाई तक नहीं की गई. लिहाजा, पीपुल फॉर एनिमल्स की ओर से सचिव एमडीडीए के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई.
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वहीं, इस मामले के अनुसार सदस्य सचिव पीपुल फॉर एनिमल्स की गौरी मौलेखी ने 2018 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के देहरादून में अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय बनाया जाये. जिस पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायलय ने 2018 में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को 2 साल के भीतर ट्रांसपोर्ट नगर में अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय निर्माण करने का आदेश दिया था. परन्तु, चार साल बीत जाने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई तक नहीं की गई. एमडीडीए ने उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं करके उसकी अवमानना की है. ऐसे में कोर्ट ने सचिव एमडीडीए ब्रिजेश कुमार सन्त को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है.