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कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, 9 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू किया वन अधिकार आंदोलन

हल्द्वानी में कांग्रेस ने वन अधिकार आंदोलन के जरिए उत्तराखंड के लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया है. इस आंदोलन के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे.

वन अधिकार आंदोलन कार्यक्रम.
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Published : Jul 7, 2019, 8:17 AM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड वासियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए जिले में वन अधिकार आंदोलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे. वहीं कांग्रेस ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

वन अधिकार आंदोलन कार्यक्रम.

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि राज्य गठन के 19 वर्षों के बाद भी उत्तराखंड वासियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है. उन्होंने कहा कि वन अधिकार आंदोलन के जरिए उत्तराखंड के लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए कांग्रेस आंदोलन करने जा रही है.

पढ़ें- लूटकांडः पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर गिरोह के आठ आरोपी, कई वारदातों का हुआ खुलासा

कांग्रेसी नेता किशोर उपाध्याय ने बताया कि वन आंदोलन अधिकार के तहत कांग्रेस 9 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश में आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर रही है. इसके जरिए प्रदेश में हर परिवार को सरकार की तरफ से मुफ्त बिजली, पानी, ईंधन जैसी सुविधाओं की मांग की जाएगी.

वनाधिकार आंदोलन के 9 मुद्दे

उत्तराखंड वनवासी राज्य बने, सरकारी नौकरियों में मिले आरक्षण.

  • दिल्ली की तर्ज पर राज्य के प्रत्येक निवासी को निशुल्क पेयजल मिले.
  • वन उपज की रक्षा के एवज में प्रत्येक परिवार को एक रसोई गैस, 100 यूनिट बिजली मुफ्त मिले.
  • पहले की तरह भवन निर्माण के लिए हर परिवार को रेत, बजरी, पत्थर, लकड़ी मुफ्त मिले.
  • जड़ी-बूटी के दोहन का अधिकार बेरोजगार युवाओं को मिले.
  • जंगली जानवरों के हमले में मृत या दिव्यांग के परिवार को 25 लाख का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
  • जंगली जानवर फसल को नुकसान पहुंचाएं तो उचित मुआवजा मिले.
  • वनाधिकार कानून 2006 को लागू कर राज्य को हर साल 10 करोड़ का ग्रीन बोनस दिया जाए.
  • तिलाड़ी आंदोलन के शहीदों के सम्मान में 30 मई को वनाधिकार दिवस घोषित किया जाए.

हल्द्वानी: उत्तराखंड वासियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए जिले में वन अधिकार आंदोलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे. वहीं कांग्रेस ने 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

वन अधिकार आंदोलन कार्यक्रम.

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि राज्य गठन के 19 वर्षों के बाद भी उत्तराखंड वासियों को उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है. उन्होंने कहा कि वन अधिकार आंदोलन के जरिए उत्तराखंड के लोगों को उनके अधिकार दिलाने के लिए कांग्रेस आंदोलन करने जा रही है.

पढ़ें- लूटकांडः पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर गिरोह के आठ आरोपी, कई वारदातों का हुआ खुलासा

कांग्रेसी नेता किशोर उपाध्याय ने बताया कि वन आंदोलन अधिकार के तहत कांग्रेस 9 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश में आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर रही है. इसके जरिए प्रदेश में हर परिवार को सरकार की तरफ से मुफ्त बिजली, पानी, ईंधन जैसी सुविधाओं की मांग की जाएगी.

वनाधिकार आंदोलन के 9 मुद्दे

उत्तराखंड वनवासी राज्य बने, सरकारी नौकरियों में मिले आरक्षण.

  • दिल्ली की तर्ज पर राज्य के प्रत्येक निवासी को निशुल्क पेयजल मिले.
  • वन उपज की रक्षा के एवज में प्रत्येक परिवार को एक रसोई गैस, 100 यूनिट बिजली मुफ्त मिले.
  • पहले की तरह भवन निर्माण के लिए हर परिवार को रेत, बजरी, पत्थर, लकड़ी मुफ्त मिले.
  • जड़ी-बूटी के दोहन का अधिकार बेरोजगार युवाओं को मिले.
  • जंगली जानवरों के हमले में मृत या दिव्यांग के परिवार को 25 लाख का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
  • जंगली जानवर फसल को नुकसान पहुंचाएं तो उचित मुआवजा मिले.
  • वनाधिकार कानून 2006 को लागू कर राज्य को हर साल 10 करोड़ का ग्रीन बोनस दिया जाए.
  • तिलाड़ी आंदोलन के शहीदों के सम्मान में 30 मई को वनाधिकार दिवस घोषित किया जाए.
Intro:sammry- वन अधिकार आंदोलन।
एंकर -उत्तराखंड वासियों के अधिकार और उनके हक हकूको के अधिकार दिलाने के उद्देश्य से कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय के नेतृत्व में हल्द्वानी में एक अधिकार आंदोलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं मौजूद रहे।


Body:इस दौरान कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड वासियों के वनों से मिलने वाले अधिकार और हक हकूक के लिए 9 सूत्री मांगों को लेकर प्रत्येक विधानसभा स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति तैयार की गई है ।किशोर उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड जल पैदा करने वाला राज्य है और यही यही कि लोगों को अपने ही पानी के लिए पानी का बिल देना पड़ता है। जबकि दिल्ली में सरकार ने अपने प्रदेश वासियों के लिए पानी को मुक्त कर दिया है । इसके अलावा यहां के लोगों को प्रत्येक परिवार को स्वच्छ ईंधन और स्वच्छ पानी बिजली मुफ्त उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।


Conclusion:किशोर उपाध्याय ने कहा कि इन्हीं 9 सूत्री मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के हर विधानसभा में जा रहे हैं और मांगों को लेकर जनता के साथ रणनीति तैयार कर रहे हैं जिसके बाद जल्द ही पूरे प्रदेश में इसको लेकर आंदोलन किया जाएगा।

बाइट- किशोर उपाध्याय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष
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