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हल्द्वानी अंतरराष्ट्रीय जू में दिखेंगे 5 महाद्वीपों के वन्य जीव, 27 करोड़ का बजट मिलने पर CM ने जताया आभार

Budget released for Haldwani Zoo उत्तराखंड का हल्द्वानी वन्य जीवों के लिए नई पहचान बनाने जा रहा है. यहां जो चिड़ियाघर बन रहा है उसमें दुनिया के पांच महाद्वीपों में पाए जाने वाले वन्य जीव तो दिखाई ही देंगे, साथ ही इनके लिए वन्य जीव अस्पताल और वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर भी बनेगा. इसके लिए केंद्र से 27 करोड़ का बजट जारी हुआ है.

Budget released for Haldwani Zoo
हल्द्वानी जू
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 15, 2024, 11:56 AM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के गौलापार में बनने जा रहे अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर के लिए केंद्र सरकार से करीब 27 करोड़ रुपए का बजट जारी हो गया है. चिड़ियाघर के लिए बजट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार का आभार जाता है. बताया जा रहा है कि हल्द्वानी में बनने जा रहे अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर में विश्व के पांचों महाद्वीप के वन्यजीव देखे जा सकेंगे.

चिड़ियाघर के हॉस्पिटल और वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर में एक साथ विश्व के पांच महाद्वीप अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अमेरिका व एशिया में पाए जाने वाले वन्यजीवों के दीदार हो सकेंगे. गौरतलब है कि कुमाऊं के मेगा प्रोजेक्ट गौलापार के चिड़ियाघर और सफारी के सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) से इसे स्वीकृति मिल गई है. स्वीकृति मिलने के बाद से वन विभाग ने गौलापार में उत्तराखंड का सबसे बड़ा चिड़ियाघर और सफारी बनाने की कवायद को तेज कर दिया है.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत गौलापार में चार सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में जू और सफारी बनाने की योजना है. गौलापार में बनने वाले जू और सफारी बनाने की कवायद वर्ष 2016 से कांग्रेस सरकार से चल रही थी. तकनीकी दिक्कत और मामला वन भूमि हस्तांतरण की वजह से अटका था. फिर सीजेडएआई (Central Zoo Authority of India) से मास्टर प्लान के एप्रूव्ड होने की शर्त भी पूरी होने की बात आई. अब सीजेडएआई ने संबंधित योजना को गैर वानिकी नहीं माना है. इसके बाद मास्टर प्लान स्वीकृत कर सशर्त अनुमति प्रदान कर दी गई है.

इस प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी काफी गंभीर दिख रहे थे. इस मेगा प्रोजेक्ट में बायो डायवर्सिटी पार्क के अलावा बाघों-तेंदुओं को रखने के लिए बाड़ा, वन्यजीवों का अस्पताल, पक्षियों के ब्रीडिंग सेंटर से लेकर मानव- वन्यजीव संघर्ष में घायल वन्य जीवों को रेस्क्यू कर यहां पर रखा जाएगा. 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चिड़ियाघर और सफारी मेगा प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. उस समय तत्कालीन सरकार ने 17 करोड़ रुपए का बजट भी जारी किया था. चिड़ियाघर की बाउंड्री वाल तैयार है. बाउंड्री वाल बनने के बाद यह प्रोजेक्ट 8 साल से आधार में लटका हुआ था. बजट जारी होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द चिड़ियाघर का निर्माण शुरू हो जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने जो काम अधूरे छोड़े थे, उसे भाजपा सरकार ने पूरा कराया है. हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जू और वन्य जीव अस्पताल के निर्माण की बाधाएं अब दूर हो गई हैं. शीघ्र ही काम शुरू होगा. वन्य जीव अस्पताल के बन जाने से यहां हाथी, बाघ, तेंदुए जैसे वन्यजीवों का भी बेहतर इलाज किया जा सकेगा.
ये भी पढ़ें: सेंट्रल जू अथॉरिटी से गौलापार चिड़ियाघर और सफारी को मिली स्वीकृति, जल्द शुरू होगा कार्य

हल्द्वानी: कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के गौलापार में बनने जा रहे अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर के लिए केंद्र सरकार से करीब 27 करोड़ रुपए का बजट जारी हो गया है. चिड़ियाघर के लिए बजट जारी होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार का आभार जाता है. बताया जा रहा है कि हल्द्वानी में बनने जा रहे अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर में विश्व के पांचों महाद्वीप के वन्यजीव देखे जा सकेंगे.

चिड़ियाघर के हॉस्पिटल और वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर में एक साथ विश्व के पांच महाद्वीप अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अमेरिका व एशिया में पाए जाने वाले वन्यजीवों के दीदार हो सकेंगे. गौरतलब है कि कुमाऊं के मेगा प्रोजेक्ट गौलापार के चिड़ियाघर और सफारी के सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) से इसे स्वीकृति मिल गई है. स्वीकृति मिलने के बाद से वन विभाग ने गौलापार में उत्तराखंड का सबसे बड़ा चिड़ियाघर और सफारी बनाने की कवायद को तेज कर दिया है.

तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत गौलापार में चार सौ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में जू और सफारी बनाने की योजना है. गौलापार में बनने वाले जू और सफारी बनाने की कवायद वर्ष 2016 से कांग्रेस सरकार से चल रही थी. तकनीकी दिक्कत और मामला वन भूमि हस्तांतरण की वजह से अटका था. फिर सीजेडएआई (Central Zoo Authority of India) से मास्टर प्लान के एप्रूव्ड होने की शर्त भी पूरी होने की बात आई. अब सीजेडएआई ने संबंधित योजना को गैर वानिकी नहीं माना है. इसके बाद मास्टर प्लान स्वीकृत कर सशर्त अनुमति प्रदान कर दी गई है.

इस प्रोजेक्ट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी काफी गंभीर दिख रहे थे. इस मेगा प्रोजेक्ट में बायो डायवर्सिटी पार्क के अलावा बाघों-तेंदुओं को रखने के लिए बाड़ा, वन्यजीवों का अस्पताल, पक्षियों के ब्रीडिंग सेंटर से लेकर मानव- वन्यजीव संघर्ष में घायल वन्य जीवों को रेस्क्यू कर यहां पर रखा जाएगा. 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चिड़ियाघर और सफारी मेगा प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. उस समय तत्कालीन सरकार ने 17 करोड़ रुपए का बजट भी जारी किया था. चिड़ियाघर की बाउंड्री वाल तैयार है. बाउंड्री वाल बनने के बाद यह प्रोजेक्ट 8 साल से आधार में लटका हुआ था. बजट जारी होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द चिड़ियाघर का निर्माण शुरू हो जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने जो काम अधूरे छोड़े थे, उसे भाजपा सरकार ने पूरा कराया है. हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में जू और वन्य जीव अस्पताल के निर्माण की बाधाएं अब दूर हो गई हैं. शीघ्र ही काम शुरू होगा. वन्य जीव अस्पताल के बन जाने से यहां हाथी, बाघ, तेंदुए जैसे वन्यजीवों का भी बेहतर इलाज किया जा सकेगा.
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