हल्द्वानी: केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश की नदियों से मानसून सत्र को देखते हुए 31 मई को खनन निकासी का काम बंद कर दिया गया था. लॉकडाउन के चलते इन नदियों से खनन निकासी का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ था. साथ ही खनन से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान भी उठाना पड़ा था. अब सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि बचे हुए खनन निकासी लक्ष्य को 30 जून से पहले पूरा कर लिया जाए.
गौरतलब है कि इस खनन सत्र में प्रदेश सरकार को खनन से करीब 750 करोड़ के राजस्व की प्राप्ति होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते नदियों से खनन नहीं हो पाया था. ऐसे में सरकार को अभी तक मात्र करीब 400 करोड़ का ही राजस्व मिल पाया था. साथ ही सरकार द्वारा निर्धारित खनन लक्ष्य भी नदियों से नहीं निकल पाया था.
जिसके बाद राज्य सरकार ने इन नदियों से दोबारा खनन चालू करने के लिए संस्तुति केंद्र सरकार से मांगी थी. जिसके बाद केंद्र सरकार से इन नदियों से खनन की अनुमति दी है. साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि बचे हुए खनन निकासी लक्ष्य को 30 जून से पहले पूरा कर लिया जाए.
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मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज फॉरेस्ट कंजर्वेशन के द्वारा आदेश जारी किया गया है. इसके तहत कुमाऊं मंडल की कोसी नदी, गौला नदी ,दाबका नदी ,कैलाश नदी के अलावा शारदा नदी ,नंधौर नदी, के अलावा गढ़वाल मंडल की हरिद्वार ,पौड़ी की भी दो नदियों से 30 जून तक खनन निकासी की अनुमति मिली है.