नैनीताल: हरिद्वार के जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी द्वारा पद का दुरुपयोग करने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ व न्यायाधीश एन एस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अगर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं तो अभी तक उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है.
आपको बता दें कि हरिद्वार निवासी पदम कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल सैनी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई शिक्षकों को गलत तरीके से लाभ दिया है. जबकि, धर्मपाल सैनी एक राजपत्रित अधिकारी है जो अपने गृह जनपद हरिद्वार में कार्यरत हैं और नियम है कि कोई भी राजपत्रित अधिकारी अपने गृह जनपद में नियुक्त नहीं रह सकता है.
इस मामले में पदम कुमार द्वारा इसकी शिकायत कई बार प्रदेश के उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है, जिसमें राज्य सरकार के द्वारा जांच कराई गई और जांच में धर्मपाल सैनी के ऊपर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए, लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गई है.
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वहीं, ऐसे में याचिकाकर्ता को मजबूरन हाईकोर्ट की शरण में आना पड़ा, जिसके बाद आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले में 6 अगस्त तक जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि धर्मपाल सैनी के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है और अगर नहीं की गई है तो क्यों? अब मामले में अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी.