हल्द्वानी: उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी की परेशानियां बढ़ सकती हैं. नैनीताल जिले में अकबर अहमद डंपी समेत सात आरोपियों के खिलाफ नैनीताल में वक्फ संपत्तियां खुर्द-बुर्द करके बेचने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है. पूरे मामले की जांच पुलिस अब एसआईटी को सौंपने जा रही है.
ये है पूरा मामला: आरोप है कि अकबर अहमद डंपी और अन्य आरोपियों ने नैनीताल जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे वक्फ संपत्ति की खरीद-फरोख्त की और उसे अपने नाम करा लिया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. इस भूमि पर रिसॉर्ट बनाने के साथ साथ भूमि पर कब्जा कर इसे बेचा भी गया है. पुलिस के मुताबिक, वक्फ संख्या 610 नैनीताल के सचिव हसमत अली पुत्र स्वर्गीय महफूज अली निवासी गौलापुर, काठगोदाम ने भवाली थाने में तहरीर देकर बताया कि ग्राम विसारदगंज रामगढ़ स्थित वक्फ संख्या 610 वक्फ गुलाम कादिर नैनीताल की 28 एकड़ (535 नाली 2 मुट्ठी) जमीन (आराजी) स्थित है, जो वक्फ अभिलेखों तथा ग्राम विसारदगंज के खाता संख्या 1 व 2 के खसरा नम्बर 23,24,25,27,28,29,30,31,32 व 21 में वक्फ संख्या 610 के नाम दर्ज चली आ रही है.
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एसपी क्राइम जगदीश चन्द्र का कहना है कि वक्फ बोर्ड के सचिव ने आरोप लगाया कि पूर्व सांसद बाहुबली नेता अकबर अहमद डंपी निवासी सिडार लॉज रामगढ़ ने फर्जी दस्तावेजों को लगाकर भूमि अपने नाम कर ली. इसके अलावा आशीष गुप्ता हल्द्वानी निवासी चंदन सिंह, राजेन्द्र सिंह बिष्ट, हेमंत सिंह बिष्ट, हेमंत सिंह ढेला, मोहन बहादुर ने भूमि की गलत तरीके से खरीद फरोख्त की. उन्होंने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 415, 416, 417, 419, 420, 463, 464, 465, 467, 470, 471 व वक्फ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मामले की जांच की जा रही है.
कौन हैं अकबर अहमद डंपी: अकबर अहमद डम्पी का जन्म 30 जून 1948 को हुआ था. डंपी उत्तर प्रदेश राज्य के आजमगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 12वीं और 14वीं लोकसभा (1998-99) के सदस्य रहे थे. अकबर अहमद डंपी ने अपनी स्कूली शिक्षा द दून स्कूल से पूरी की और बाद में कैनिंग कॉलेज गए. वह 1980 में इंदिरा कांग्रेस के सदस्य के रूप में हल्द्वानी से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे.
डंपी संजय गांधी के दोस्त थे और उनकी मंडली में 'डंपी' के नाम से जाने जाते थे. 1980 में संजय गांधी की मृत्यु के बाद जब राजीव गांधी और मेनका गांधी के गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता विकसित हुई, तो इंदिरा गांधी ने 1982 में अकबर अहमद डंपी, जो मेनका खेमे में थे, को कांग्रेस से निलंबित कर दिया. जब मेनका गांधी ने 1982 में संजय विचार मंच की शुरुआत की, तो उन्होंने अकबर अहमद को इसका संयोजक नियुक्त किया.
1987 में डंपी फिर से काशीपुर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव में उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए. मेनका गांधी के संजय विचार मंच के उम्मीदवार के रूप में डंपी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार अम्मार रिजवी को हराया था.
अकबर अहमद डंपी 1998 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर आजमगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. अकबर अहमद डंपी अभिनेत्री नैना बलसावर के दूसरे पति हैं.