हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई विभाग के साथ बैठक की. बैठक में सिंचाई मंत्री ने पुरानी नहरों को चिन्हित कर आधुनिकीकरण के साथ ही चौड़ीकरण के निर्देश दिए. नहरों के आधुनिकीकरण को लेकर सिंचाई विभाग कार्य योजना को तैयार कर रहा है.
मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि नैनीताल जनपद के अलावा उधम सिंह नगर की बहुत सारी नहरें पुरानी हो चुकी है. बता दें कि शहरीकरण के चलते नहरें जमीन से नीचे जा चुकी है, जिसके चलते बरसात में नहरों में मलबा भर जाता है. जिसकी वजह से यह मलबा खेतों में पहुंच जाता है और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है.
पढ़ें- जलभराव की समस्या से लोग परेशान, ASDM ने किया निरीक्षण
संजय शुक्ला ने बताया कि नहरों के आधुनिकीकरण के साथ ही उसकी क्षमता बढ़ाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है. सिंचाई मंत्री के निर्देश के बाद अब नहरों का चिन्हीकरण कर काम शुरू किया जाएगा. उन्होनें कहा कि शहरीकरण का सबसे ज्यादा असर उधम सिंह नगर की नहरों पर पड़ा है, जिसके चलते 1019 किलोमीटर की 227 नहरें शहरीकरण का अस्तित्व खत्म हो गया. नहरों के आधुनिकीकरण करने के लेकर डीपीआर तैयार कर शासन को भजने की तैयारी की जा रही है.