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नहरों का होगा आधुनिकीकरण, सिंचाई संकट से मिलेगी मुक्ति

सिंचाई मंत्री ने नहरों के आधुनिकीकरण के निर्देश दिए. पुरानी हो चुकी नहरों का आधुनिकीकरण किया जाएगा. सिंचाई संकट से किसानों को मुक्ति मिलेगी. सिंचाई विभाग डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है.

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Published : Jun 6, 2021, 2:23 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 6:00 PM IST

Canals will be modernized, will get rid of irrigation crisis
नहरों का होगा आधुनिकीकरण

हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई विभाग के साथ बैठक की. बैठक में सिंचाई मंत्री ने पुरानी नहरों को चिन्हित कर आधुनिकीकरण के साथ ही चौड़ीकरण के निर्देश दिए. नहरों के आधुनिकीकरण को लेकर सिंचाई विभाग कार्य योजना को तैयार कर रहा है.

मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि नैनीताल जनपद के अलावा उधम सिंह नगर की बहुत सारी नहरें पुरानी हो चुकी है. बता दें कि शहरीकरण के चलते नहरें जमीन से नीचे जा चुकी है, जिसके चलते बरसात में नहरों में मलबा भर जाता है. जिसकी वजह से यह मलबा खेतों में पहुंच जाता है और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है.

नहरों का होगा आधुनिकीकरण

पढ़ें- जलभराव की समस्या से लोग परेशान, ASDM ने किया निरीक्षण

संजय शुक्ला ने बताया कि नहरों के आधुनिकीकरण के साथ ही उसकी क्षमता बढ़ाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है. सिंचाई मंत्री के निर्देश के बाद अब नहरों का चिन्हीकरण कर काम शुरू किया जाएगा. उन्होनें कहा कि शहरीकरण का सबसे ज्यादा असर उधम सिंह नगर की नहरों पर पड़ा है, जिसके चलते 1019 किलोमीटर की 227 नहरें शहरीकरण का अस्तित्व खत्म हो गया. नहरों के आधुनिकीकरण करने के लेकर डीपीआर तैयार कर शासन को भजने की तैयारी की जा रही है.

हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई विभाग के साथ बैठक की. बैठक में सिंचाई मंत्री ने पुरानी नहरों को चिन्हित कर आधुनिकीकरण के साथ ही चौड़ीकरण के निर्देश दिए. नहरों के आधुनिकीकरण को लेकर सिंचाई विभाग कार्य योजना को तैयार कर रहा है.

मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि नैनीताल जनपद के अलावा उधम सिंह नगर की बहुत सारी नहरें पुरानी हो चुकी है. बता दें कि शहरीकरण के चलते नहरें जमीन से नीचे जा चुकी है, जिसके चलते बरसात में नहरों में मलबा भर जाता है. जिसकी वजह से यह मलबा खेतों में पहुंच जाता है और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है.

नहरों का होगा आधुनिकीकरण

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संजय शुक्ला ने बताया कि नहरों के आधुनिकीकरण के साथ ही उसकी क्षमता बढ़ाने की कार्य योजना तैयार की जा रही है. सिंचाई मंत्री के निर्देश के बाद अब नहरों का चिन्हीकरण कर काम शुरू किया जाएगा. उन्होनें कहा कि शहरीकरण का सबसे ज्यादा असर उधम सिंह नगर की नहरों पर पड़ा है, जिसके चलते 1019 किलोमीटर की 227 नहरें शहरीकरण का अस्तित्व खत्म हो गया. नहरों के आधुनिकीकरण करने के लेकर डीपीआर तैयार कर शासन को भजने की तैयारी की जा रही है.

Last Updated : Jun 16, 2021, 6:00 PM IST
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