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कुमाऊं में बढ़ते हादसों की ये है वजह, साल 2019 में 341 लोग गंवा चुके जान - कुमाऊं में सड़क हादसा

कुमाऊं मंडल क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. साल 2019 में इन सड़क हादसों के कारण 341 लोगों की जान चली गई थी.

road accidents in nainital
सड़क हादसों का कारण
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Published : Jan 21, 2020, 1:58 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 3:50 PM IST

नैनीताल: प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं राज्य सरकार के सुरक्षा के दावों को फेल साबित कर रही हैं. प्रदेश के कुमाऊं मंडल क्षेत्र में बीते साल 2019 में 567 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 341 लोगों की मौत हुई जबकि 521 यात्री घायल हुए. वहीं, इस दुर्घटनाओं का कारण रोड किनारे पैराफिट और गड्ढों को वजह माना जा रहा है.

सड़क हादसों का कारण

इन दिनों उत्तराखंड में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं, जिनको रोक पाना पुलिस प्रशासन समेत सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. लगातार सड़क हादसों की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. वाहन चालक और जानकार बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटनाओं के सबसे बड़े कारण सड़कों पर गड्ढे और पैराफिटों का न होना है. इस वजह से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटना हो रही हैं. हालांकि, सरकार और पुलिस महकमा उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के कम होने का दावा कर रही है, लेकिन आंकड़े सरकार और विभाग के दावों की पोल खोल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट पुल टूटा, अग्रिम पोस्ट से जवानों का संपर्क कटा

टैक्सी चालक के अनुसार, पहाड़ी रास्तों पर सड़क किनारे पैराफिट नहीं बने हैं, जिस कारण से गाड़ियां खाई में गिर जाती हैं. दूसरी तरफ सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं. बीते 2019 में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में हुई हैं.

  • उधम सिंह नगर जिले में 327 सड़क दुर्घटनाओं में 206 लोगों की मौत हुई, जबकि 282 घायल हुए.
  • नैनीताल में 197 दुर्घटनाओं में 101 लोगों की मौत, 170 घायल.
  • चंपावत में 20 दुर्घटनाओं में 19 लोगों की मौत, 41 घायल.
  • पिथौरागढ़ में 10 दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मौत, 7 घायल.
  • अल्मोड़ा में 8 दुर्घटनाओं में 4 लोगों की मौत, 14 घायल.
  • बागेश्वर में 5 सड़क दुर्घटनाओं में 4 लोगों की मौत, 7 घायल.

नैनीताल: प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं राज्य सरकार के सुरक्षा के दावों को फेल साबित कर रही हैं. प्रदेश के कुमाऊं मंडल क्षेत्र में बीते साल 2019 में 567 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 341 लोगों की मौत हुई जबकि 521 यात्री घायल हुए. वहीं, इस दुर्घटनाओं का कारण रोड किनारे पैराफिट और गड्ढों को वजह माना जा रहा है.

सड़क हादसों का कारण

इन दिनों उत्तराखंड में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं, जिनको रोक पाना पुलिस प्रशासन समेत सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. लगातार सड़क हादसों की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. वाहन चालक और जानकार बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटनाओं के सबसे बड़े कारण सड़कों पर गड्ढे और पैराफिटों का न होना है. इस वजह से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटना हो रही हैं. हालांकि, सरकार और पुलिस महकमा उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के कम होने का दावा कर रही है, लेकिन आंकड़े सरकार और विभाग के दावों की पोल खोल रहे हैं.

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टैक्सी चालक के अनुसार, पहाड़ी रास्तों पर सड़क किनारे पैराफिट नहीं बने हैं, जिस कारण से गाड़ियां खाई में गिर जाती हैं. दूसरी तरफ सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं. बीते 2019 में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में हुई हैं.

  • उधम सिंह नगर जिले में 327 सड़क दुर्घटनाओं में 206 लोगों की मौत हुई, जबकि 282 घायल हुए.
  • नैनीताल में 197 दुर्घटनाओं में 101 लोगों की मौत, 170 घायल.
  • चंपावत में 20 दुर्घटनाओं में 19 लोगों की मौत, 41 घायल.
  • पिथौरागढ़ में 10 दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मौत, 7 घायल.
  • अल्मोड़ा में 8 दुर्घटनाओं में 4 लोगों की मौत, 14 घायल.
  • बागेश्वर में 5 सड़क दुर्घटनाओं में 4 लोगों की मौत, 7 घायल.
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नैनीताल जिले में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बने टूटे पैराफिट,ओर सड़क।

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भले ही प्रदेश में राज्य सरकार सड़कों की बेहतरीन और लोगो के सुरक्षा के लाख दावे कर रहे हो लेकिन राज्य सरकार के सारे दावे हवाई साबित होते हैं, क्योंकि कुमाऊं मंडल क्षेत्र में बीते 2019 में 567 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें 341 लोगों की मौत हुई जबकि 521 यात्री घायल हुए,,,
आंकड़े ये बताने के लिए काफी है कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में राज्य सरकार कितना बेहतर काम कर रही है और सड़कें ओर सड़को के किनारे बने पैराफिट कितने बेहतर है।


Body:इन दिनों उत्तराखंड में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं जिन को रोक पाना पुलिस प्रशासन समेत सरकार के लिए चुनौती बनने लगे हैं, और लगातार सड़क हादसों की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है,
वाहन चालक और जानकार बताते हैं की पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटनाओं के सबसे बड़े कारण सड़कों में पड़े गड्ढे और सड़कों के किनारे पैराफिटो का ना होना है, जिस वजह से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटना हो रही हैं, हालांकि सरकार और पुलिस विभाग उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के कम होने का दावा कर रही है लेकिन आंकड़े सरकार और विभाग के दावों की पोल खोल रहे हैं।
टैक्सी चालक बताते हैं पहाड़ी रास्तों में सड़क के किनारे पैराफिट नहीं बने हैं जिस वजह से गाड़िया खाई में जा गिरती हैं वहीं दूसरी तरफ सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।


Conclusion:बीते 2019 में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में हुई,,,

उधम सिंह नगर जिले में 327 सड़क दुर्घटनाएं में 206 लोगो की मौत हुई जबकि 282 घायल हुए,,

जबकि नैनीताल 197 दुर्घटनाएं 101 मौत 170 घायल

चंपावत 20 दुर्घटना 19 मौत 41 घायल,

पिथौरागढ़ में 10 दुर्घटना 7 मौत 7 घायल,

अल्मोड़ा 8 दुर्घटना 4 मौत 14 घायल,

बागेश्वर 5 सड़क दुर्घटना 4 मौत 7 घायल,
Last Updated : Jan 21, 2020, 3:50 PM IST
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