नैनीताल: प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाएं राज्य सरकार के सुरक्षा के दावों को फेल साबित कर रही हैं. प्रदेश के कुमाऊं मंडल क्षेत्र में बीते साल 2019 में 567 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 341 लोगों की मौत हुई जबकि 521 यात्री घायल हुए. वहीं, इस दुर्घटनाओं का कारण रोड किनारे पैराफिट और गड्ढों को वजह माना जा रहा है.
इन दिनों उत्तराखंड में लगातार सड़क हादसे बढ़ रहे हैं, जिनको रोक पाना पुलिस प्रशासन समेत सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है. लगातार सड़क हादसों की वजह से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है. वाहन चालक और जानकार बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटनाओं के सबसे बड़े कारण सड़कों पर गड्ढे और पैराफिटों का न होना है. इस वजह से लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटना हो रही हैं. हालांकि, सरकार और पुलिस महकमा उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के कम होने का दावा कर रही है, लेकिन आंकड़े सरकार और विभाग के दावों की पोल खोल रहे हैं.
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टैक्सी चालक के अनुसार, पहाड़ी रास्तों पर सड़क किनारे पैराफिट नहीं बने हैं, जिस कारण से गाड़ियां खाई में गिर जाती हैं. दूसरी तरफ सड़कों के गड्ढे दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं. बीते 2019 में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में हुई हैं.
- उधम सिंह नगर जिले में 327 सड़क दुर्घटनाओं में 206 लोगों की मौत हुई, जबकि 282 घायल हुए.
- नैनीताल में 197 दुर्घटनाओं में 101 लोगों की मौत, 170 घायल.
- चंपावत में 20 दुर्घटनाओं में 19 लोगों की मौत, 41 घायल.
- पिथौरागढ़ में 10 दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मौत, 7 घायल.
- अल्मोड़ा में 8 दुर्घटनाओं में 4 लोगों की मौत, 14 घायल.
- बागेश्वर में 5 सड़क दुर्घटनाओं में 4 लोगों की मौत, 7 घायल.