हल्द्वानी: उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में इस साल रिकॉर्ड तोड़ एडमिशन हुए हैं. एडमिशन के साथ-साथ छात्रों की पढ़ाई भी विश्वविद्यालय के लिए चुनौती बनी हुई हैं. छात्रों का एडमिशन तो गया है, लेकिन उनको किताबें उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिससे उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है.
इस सत्र में 74000 छात्र-छात्राओं ने दाखिला लिए हैं, लेकिन अभी तक मात्र 35000 छात्र-छात्राओं को ही पुस्तके उपलब्ध हो पाई है. कुमाऊं समेत अन्य विश्वविद्यालयों में प्राइवेट परीक्षा बंद होने के कारण इस बार उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में सबसे ज्यादा छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है. ऐसे में यूनिवर्सिटी के सामने छात्र-छात्राओं को किताबे उपलब्ध करना बड़ी चुनौती बन गया है.
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ये कोई पहली बार नहीं जब उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के छात्रों को इस तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इस बड़ी बात ये है कि ये बड़े स्तर पर है. यहां तक कि विश्वविद्यालय के पास बजट की भी कमी है. जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने शासन से बजट की भी डिमांड की है.
विश्वविद्यालय के कुलपति ओपीएस नेगी ने कहा कि छात्रों को किसी तरह से दिक्कत नहीं होगी. पुस्तक वितरण के लिए कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो रोजाना करीब 400 विद्यार्थियों की किताबें पैक कर उनको स्टडी सेंटर तक भेजने का काम किया जा रहा है. ताकि छात्रों को समय से पुस्तक उपलब्ध हो सके.
वहीं, इस पूरे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि कॉलेजों की व्यवस्था को लेकर वे प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय में 2 दिनों का भ्रमण कर रहे हैं. साथ ही समीक्षा बैठक कर छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए सभी विषयों पर चर्चा की जा रही है. ओपन यूनिवर्सिटी में किताबों की समस्या को लेकर अधिकारियों से वार्ता कर जल्द समस्या को दूर किया जाएगा.