ETV Bharat / state

कॉर्बेट नेशनल पार्क में पालतू हाथियों की होगी ब्लड सैंपलिंग, DNA प्रोफाइल की जाएगी तैयार

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पालतू हाथियों की ब्लड सैंपलिंग की प्रकिया जारी है. जल्द ही हाथियों के ब्लड सैंपल लेकर डीएनए प्रोफाइल तैयार की जाएगी. हाथियों के डेटाबेस से उनकी आयु, अनुवांशिकता समेत अन्य कई बिंदुओं की जानकारी मिल सकेगी.

elephants Blood sample
पालतू हाथियों की होगी ब्लड सैंपलिंग
author img

By

Published : Feb 23, 2022, 8:00 PM IST

रामनगरः विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 16 पालतू हाथियों की ब्लड सैंपलिंग की जाएगी. इसके अलावा निजी स्वामित्व वाले 4 हाथी भी हैं, उनकी भी सैंपलिंग ली जाएगी. जिससे उनकी डीएनए प्रोफाइल तैयार की जाएगी. वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का काम मार्च महीने तक पूरा किया जाएगा.

बता दें कि पालतू हाथियों का आज तक सही संख्या का पता नहीं लग पाया है. ब्लड सैंपलिंग से कॉर्बेट व अन्य क्षेत्रों में निजी स्वामित्व वाले पालतू हाथियों की संख्या का भी पता लग पाएगा. साथ ही इससे अवैध व्यापार में भी रोक लग पाएगी. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि इससे पालतू हाथियों का डेटाबेस तैयार होने पर इनकी आयु, अनुवांशिकता समेत अन्य कई बिंदुओं पर जानकारी मिल सकेगी.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में पालतू हाथियों की होगी ब्लड सैंपलिंग.

ये भी पढ़ेंः कॉर्बेट के ढिकाला रेंज में बाघों का जोड़ा बना आकर्षण का केंद्र, देखने दूर-दूर से आ रहे पर्यटक

सीटीआर निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि जो भी कैपटिव एलीफेंट (captive elephant) हैं, कॉर्बेट पार्क में इनकी सैंपलिंग का कार्य किया जाना है. जिसके लिए दिशा निर्देश उच्च स्तर से प्राप्त हो गए हैं. इसमें हाथियों के ब्लड सैंपल लेकर इनकी डीएनए प्रोफाइल (DNA) तैयार की जाएगी. जो आगे चलकर रिसर्च या अन्य चीजों में काम आएगी.

मार्च तक पूरी होगी बाघों की गणनाः ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के तहत हर साल 4 साल में बाघों की गणना की जाती है. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी बीते नवंबर 2021 से बाघों की गणना का कार्य चल रहा है. सीटीआर के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क में फेज थ्री के तहत हर 4 साल में कॉर्बेट पार्क समेत देश के सभी 50 टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का कार्य किया जाता है. कॉर्बेट पार्क में बाघों की गणना का कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है.

उन्होंने कहा कि मार्च महीने में बाघों की गणना का कार्य कर लिया जाएगा. जिसके बाद इसका विश्लेषण करके एनटीसीए को भेज दिया जाएगा. उसके बाद एनटीसीए की ओर से सभी टाइगर रिजर्व के बाघों की घोषणा दिल्ली से ही की जाएगी. अनुमान है कि जुलाई में इनके नतीजों की घोषणा की जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के तहत कॉर्बेट पार्क में बाघों की गणना जारी

बता दें कि कॉर्बेट पार्क के साथ ही देश के सभी टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों की गणना का कार्य गतिमान है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के साथ बाघों की गिनती की जा रही है. हर टाइगर रिजर्व में 3 फेज में बाघों की गणना होती है.

जिसमें पहले फेज में ट्रांजिट लाइन डालकर बाघों की उपस्थिति को देखा जाता है. जबकि, फेस 2 में सैटेलाइट के माध्यम से बाघों की उपस्थिति को देखा जाता है. वहीं, फेस 3 के तहत कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघों की उपस्थिति देखी जाती है कि किस क्षेत्र में कितने बाघ हैं?

गौर हो कि साल 2018 में फेज 3 की गणना में इस वक्त कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 231 से ज्यादा बाघ हैं. कॉर्बेट प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोगों को भी उम्मीद है कि इस बार बाघों की संख्या और अधिक बढ़ने की उम्मीद है. जो बाघों के संरक्षण के लिहाजा से एक अच्छा संकेत है.

रामनगरः विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में 16 पालतू हाथियों की ब्लड सैंपलिंग की जाएगी. इसके अलावा निजी स्वामित्व वाले 4 हाथी भी हैं, उनकी भी सैंपलिंग ली जाएगी. जिससे उनकी डीएनए प्रोफाइल तैयार की जाएगी. वहीं, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का काम मार्च महीने तक पूरा किया जाएगा.

बता दें कि पालतू हाथियों का आज तक सही संख्या का पता नहीं लग पाया है. ब्लड सैंपलिंग से कॉर्बेट व अन्य क्षेत्रों में निजी स्वामित्व वाले पालतू हाथियों की संख्या का भी पता लग पाएगा. साथ ही इससे अवैध व्यापार में भी रोक लग पाएगी. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि इससे पालतू हाथियों का डेटाबेस तैयार होने पर इनकी आयु, अनुवांशिकता समेत अन्य कई बिंदुओं पर जानकारी मिल सकेगी.

कॉर्बेट नेशनल पार्क में पालतू हाथियों की होगी ब्लड सैंपलिंग.

ये भी पढ़ेंः कॉर्बेट के ढिकाला रेंज में बाघों का जोड़ा बना आकर्षण का केंद्र, देखने दूर-दूर से आ रहे पर्यटक

सीटीआर निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि जो भी कैपटिव एलीफेंट (captive elephant) हैं, कॉर्बेट पार्क में इनकी सैंपलिंग का कार्य किया जाना है. जिसके लिए दिशा निर्देश उच्च स्तर से प्राप्त हो गए हैं. इसमें हाथियों के ब्लड सैंपल लेकर इनकी डीएनए प्रोफाइल (DNA) तैयार की जाएगी. जो आगे चलकर रिसर्च या अन्य चीजों में काम आएगी.

मार्च तक पूरी होगी बाघों की गणनाः ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के तहत हर साल 4 साल में बाघों की गणना की जाती है. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी बीते नवंबर 2021 से बाघों की गणना का कार्य चल रहा है. सीटीआर के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क में फेज थ्री के तहत हर 4 साल में कॉर्बेट पार्क समेत देश के सभी 50 टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का कार्य किया जाता है. कॉर्बेट पार्क में बाघों की गणना का कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंच चुका है.

उन्होंने कहा कि मार्च महीने में बाघों की गणना का कार्य कर लिया जाएगा. जिसके बाद इसका विश्लेषण करके एनटीसीए को भेज दिया जाएगा. उसके बाद एनटीसीए की ओर से सभी टाइगर रिजर्व के बाघों की घोषणा दिल्ली से ही की जाएगी. अनुमान है कि जुलाई में इनके नतीजों की घोषणा की जा सकती है.

ये भी पढ़ेंः ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के तहत कॉर्बेट पार्क में बाघों की गणना जारी

बता दें कि कॉर्बेट पार्क के साथ ही देश के सभी टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों की गणना का कार्य गतिमान है. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के साथ बाघों की गिनती की जा रही है. हर टाइगर रिजर्व में 3 फेज में बाघों की गणना होती है.

जिसमें पहले फेज में ट्रांजिट लाइन डालकर बाघों की उपस्थिति को देखा जाता है. जबकि, फेस 2 में सैटेलाइट के माध्यम से बाघों की उपस्थिति को देखा जाता है. वहीं, फेस 3 के तहत कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघों की उपस्थिति देखी जाती है कि किस क्षेत्र में कितने बाघ हैं?

गौर हो कि साल 2018 में फेज 3 की गणना में इस वक्त कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 231 से ज्यादा बाघ हैं. कॉर्बेट प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोगों को भी उम्मीद है कि इस बार बाघों की संख्या और अधिक बढ़ने की उम्मीद है. जो बाघों के संरक्षण के लिहाजा से एक अच्छा संकेत है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.