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वन विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सेवा समाप्ति के आदेश पर लगी रोक - Forest department

नैनीताल हाईकोर्ट ने वन विभाग के आउटसोर्स एजेंसी से नियुक्त कर्मचारियों के मामले पर सुनवाई की. जिसमें हाईकोर्ट ने आउटसोर्स एजेंसी से नियुक्त कर्मचारियों को राहत दी है. हाईकोर्ट ने कार्मिकों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है.

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वन विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 8, 2024, 9:10 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट से वन विभाग में आउटसोर्स एजेंसी से नियुक्त कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने वन विभाग के 18 जुलाई 2023 के उस फैसले को स्थगित कर दिया है जिसमें मानव मद बदला गया था. इसी निर्णय के बाद 17 नवम्बर 2023 को वर्षों से आउट सोर्स के रूप में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी थी. हाईकोर्ट ने इन कार्मिकों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट ने सरकार को इन कार्मिकों के अब तक के वेतन का भुगतान करने व उन्हें समय पर वेतन देने का भी निर्देश दिया है. यह सरकार को तय करना है कि इन कार्मिकों को किस मद से वेतन दिया जाये. कोर्ट ने इस मामले में 6 हफ्ते में विस्तृत शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई फरवरी के बाद होगी. न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

पढे़ं- उत्तराखंड में अब तक जारी नहीं हुआ निकाय चुनाव कार्यक्रम, हाईकोर्ट पर पहुंचा मामला

बता दें वन विभाग में उपनल सहित अन्य आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से 2187 लोग काम कर रहे थे. 17 नवंबर को शासन ने अधिसूचना जारी कर विभाग का पुनर्गठन करने और 1113 पदों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरने का निर्देश दिया था. जिसे अल्मोड़ा के दिनेश परिहार और देहरादून के दिनेश चौहान और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन पदों को भी दूसरी आउटसोर्स एजेंसी से भरने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पदों पर वे कार्यरत हैं. याचिका में कहा गया कि वह सालों से विभाग में काम कर रहे हैं. दूसरे लोगों को आउटसोर्स से नियुक्त कर उनको सेवा से बाहर करना गलत है.इस मामले में कोर्ट ने प्रमुख वन संरक्षक व मुख्य वन संरक्षक मानव संशाधन का पक्ष सुना.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट से वन विभाग में आउटसोर्स एजेंसी से नियुक्त कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने वन विभाग के 18 जुलाई 2023 के उस फैसले को स्थगित कर दिया है जिसमें मानव मद बदला गया था. इसी निर्णय के बाद 17 नवम्बर 2023 को वर्षों से आउट सोर्स के रूप में कार्यरत कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी थी. हाईकोर्ट ने इन कार्मिकों को हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट ने सरकार को इन कार्मिकों के अब तक के वेतन का भुगतान करने व उन्हें समय पर वेतन देने का भी निर्देश दिया है. यह सरकार को तय करना है कि इन कार्मिकों को किस मद से वेतन दिया जाये. कोर्ट ने इस मामले में 6 हफ्ते में विस्तृत शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई फरवरी के बाद होगी. न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

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बता दें वन विभाग में उपनल सहित अन्य आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से 2187 लोग काम कर रहे थे. 17 नवंबर को शासन ने अधिसूचना जारी कर विभाग का पुनर्गठन करने और 1113 पदों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरने का निर्देश दिया था. जिसे अल्मोड़ा के दिनेश परिहार और देहरादून के दिनेश चौहान और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन पदों को भी दूसरी आउटसोर्स एजेंसी से भरने के निर्देश दिए गए हैं, जिन पदों पर वे कार्यरत हैं. याचिका में कहा गया कि वह सालों से विभाग में काम कर रहे हैं. दूसरे लोगों को आउटसोर्स से नियुक्त कर उनको सेवा से बाहर करना गलत है.इस मामले में कोर्ट ने प्रमुख वन संरक्षक व मुख्य वन संरक्षक मानव संशाधन का पक्ष सुना.

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