नैनीताल: दुष्कर्म मामले में फंसे हरिद्वार ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकलपीठ ने राठौर की गिरफ्तारी पर रोक लगते हुए उनके ऊपर चल रही जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं, साथ ही राज्य सरकार को मामले में 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें, हरिद्वार के ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ उन्हीं की पार्टी की एक नेता ने 2 जून 2021 को बलात्कार का आरोप लगाते हुए बहादराबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था. मामला सामने आने के बाद बहादराबाद कोतवाली पुलिस ने दुष्कर्म मामले में विधायक सुरेश राठौर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
पढ़ें- सावधान! पहले FB पर अनैतिक कार्यों का देते हैं प्रलोभन, फिर जंगल ले जाकर लूटते हैं
हाईकोर्ट पहुंचे विधायक सुरेश राठौर का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए दुष्कर्म के आरोप निराधार हैं. उनपर आरोप लगाने वाली महिला व उसके पति समेत अन्य लोगों ने उनसे ₹30 लाख की रंगदारी मांगी था. जब उन्होंने पैसे नहीं दिए तो महिला और उसके पति समेत अन्य लोगों ने उनकी सामाजिक और राजनीतिक छवि को धूमिल करने की धमकी दी और उनके दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बहादराबाद कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवा दिया.
हाईकोर्ट पहुंचे विधायक सुरेश राठौर का कहना है कि महिला ने उनसे बदला लेने व उनको बदनाम करने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज करवाया है, क्योंकि रंगदारी मांगने के मामले में उन्होंने महिला समेत उसके पति व अन्य के खिलाफ बहादराबाद कोतवाली में ही मुकदमा दर्ज कराया था और पुलिस ने आरोपियों को रंगदारी मांगने व ब्लैकमेल करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
सोमवार (19 जुलाई) को मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की एकलपीठ ने विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने के आदेश दिए हैं, जिससे विधायक को बड़ी राहत मिली है.