नैनीताल: बैंक ऑफ बड़ौदा के नैनीताल बैंक के विनिवेश में से अपने शेयर बेचने के फैसले का अब बैंक कर्मचारी संगठन ने विरोध करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को उत्तराखंड के सभी बैंकों की शाखाओं समेत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान बैंक से नैनीताल पहुंचे कर्मचारियों ने मुख्य बैंक कार्यालय में जमकर धरना प्रदर्शन किया. साथ ही जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कर्मचारियों ने पूर्व में निर्धारित बोर्ड बैठक भी नहीं चलने दी.
बॉब के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन: प्रदर्शन कर रहे बैंक कर्मचारियों का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा लिए गए फैसले को तत्काल वापस लिया जाए या नैनीताल बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया जाए. अगर 4 दिन के भीतर बैंक प्रबंधन ने इस पर फैसला नहीं लिया तो सभी कर्मचारी उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. आपको बताते चलें कि बैंक ऑफ बड़ौदा के पास नैनीताल बैंक की 98.57 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इस हिस्सेदारी में बॉब ने विनिवेश की मंजूरी दी है. जिसका बैंक अधिकारी और कर्मचारी विरोध कर रहे हैं.
बैकडोर से शेयर बेचने का आरोप: ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महामंत्री शैलेंद्र राजपाल का कहना है बैंक ऑफ बड़ौदा प्रबंधन के द्वारा बिना किसी कर्मचारी संगठन और बैंक को भरोसे में लिए बैंक के शेयर बैकडोर से बेचने का काम किया जा रहा है. बैंक के इस फैसले से नैनीताल बैंक के कर्मचारियों को नुकसान होगा. लिहाजा बैंक ऑफ बड़ौदा और नैनीताल बैंक का आपस में विलय किया जाए. या पूर्व की भांति नैनीताल बैंक में संपादित हो रहे कार्यों को चलने दिया जाए.
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नैनीताल बैंक के जीएम ने ये कहा: वहीं मामले में नैनीताल बैंक के जीएम निखिल मोहन का कहना है कि बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा किए जा रहे कार्य के शब्दों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. इस कारण इस तरह की स्थिति बनी है. बैंक ऑफ बड़ौदा आरबीआई की गाइड लाइन के आधार पर अपने शेयर कम कर रहा है. कर्मचारियों और ग्राहकों के सामने बनी असमंजस की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा को पत्र भेजा जाएगा.