ETV Bharat / state

नैनीताल जिले में भू धंसाव की चपेट में हैं कई गांव, आपदाग्रस्त क्षेत्रों का जियोलॉजिकल सर्वे कराएगा प्रशासन

Geological survey of disaster affected villages उत्तराखंड को इस बार के मॉनसून में काफी नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जिले के कई गांवों में हाल काफी खराब हो चुके हैं. घरों में दरारें आने के कारण लोगों को अपना घर बार तक छोड़ना पड़ रहा है. वहीं अब प्रशासन आपदाग्रस्त क्षेत्रों जहां पर घरों में दरारें आने की बात सामने आई है, वहां का जियोलॉजिकल सर्वे कराने को कह रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2023, 2:37 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में इस साल मॉनसूनी बारिश जमकर कहर बरपा रही है. जिले में हर तरफ तबाही के निशाना देखने को मिल रहे हैं. कहीं जलभराव के कारण लोग परेशान हैं तो कुछ गांव भू-धंसाव की चपेट में आ गए हैं. कई जगहों पर जोशीमठ जैसे बन गए हैं. नैनीताल जिले के कई गांवों में घरों में दरारें पड़ चुकी हैं, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं. वहीं घरों में पड़ रही दरारों की असली वजह जानने के लिए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जियोलॉजिकल सर्वे कराने की बात कही है.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि जियोलॉजिस्ट की एक टीम सभी गांवों का सर्वे करेगी. इस सर्वे के बाद ही घरों में दरारें आने का सही कारण पता चल पाएगा. स्थिति स्पष्ट होने के बाद आगे रिपोर्ट के आधार पर ही कोई फैसला लिया जाएगा. यदि जियोलॉजिकल रूप में पूरा गांव खतरे की जद में आ जाता है, तो शासन की नीति के मुताबिक विस्थापन की प्रक्रिया के लिए जमीन का चिन्हीकरण शुरू किया जाएगा.
पढ़ें- आसमानी आफत, रेंगते हुए दलदल को पार कर रहे लोग, देखें विभीषिका का भयावह वीडियो

कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि नाइसेला गांव में ही नहीं बल्कि बेतालघाट और भूमियाधार में भी कई जगहों में घरों में दरारें देखी गई हैं. इसीलिए इस मामले में सबसे पहले जियोलॉजिस्ट की रिपोर्ट मांगी गई है. फिलहाल राहत के तौर पर प्रशासन की टीम ने आपदा पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का काम शुरू कर दिया है और खतरे की जद में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराने की प्रक्रिया भी शुरू करा दी है.

बता दें कि नैनीताल के अलावा देहरादून जिले की डोईवाला और विकासनगर तहसील क्षेत्र में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. विकासनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जाखन गांव को तो प्रशासन को खाली कराना पड़ा. पूरा जाखन गांव भू-धंसाव की चपेट में है, जिस कारण वहां पर कई घर और गौशालाएं जमींदोज हो गई थी.

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में इस साल मॉनसूनी बारिश जमकर कहर बरपा रही है. जिले में हर तरफ तबाही के निशाना देखने को मिल रहे हैं. कहीं जलभराव के कारण लोग परेशान हैं तो कुछ गांव भू-धंसाव की चपेट में आ गए हैं. कई जगहों पर जोशीमठ जैसे बन गए हैं. नैनीताल जिले के कई गांवों में घरों में दरारें पड़ चुकी हैं, जिससे लोग काफी डरे हुए हैं. वहीं घरों में पड़ रही दरारों की असली वजह जानने के लिए कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जियोलॉजिकल सर्वे कराने की बात कही है.

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि जियोलॉजिस्ट की एक टीम सभी गांवों का सर्वे करेगी. इस सर्वे के बाद ही घरों में दरारें आने का सही कारण पता चल पाएगा. स्थिति स्पष्ट होने के बाद आगे रिपोर्ट के आधार पर ही कोई फैसला लिया जाएगा. यदि जियोलॉजिकल रूप में पूरा गांव खतरे की जद में आ जाता है, तो शासन की नीति के मुताबिक विस्थापन की प्रक्रिया के लिए जमीन का चिन्हीकरण शुरू किया जाएगा.
पढ़ें- आसमानी आफत, रेंगते हुए दलदल को पार कर रहे लोग, देखें विभीषिका का भयावह वीडियो

कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि नाइसेला गांव में ही नहीं बल्कि बेतालघाट और भूमियाधार में भी कई जगहों में घरों में दरारें देखी गई हैं. इसीलिए इस मामले में सबसे पहले जियोलॉजिस्ट की रिपोर्ट मांगी गई है. फिलहाल राहत के तौर पर प्रशासन की टीम ने आपदा पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का काम शुरू कर दिया है और खतरे की जद में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराने की प्रक्रिया भी शुरू करा दी है.

बता दें कि नैनीताल के अलावा देहरादून जिले की डोईवाला और विकासनगर तहसील क्षेत्र में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. विकासनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जाखन गांव को तो प्रशासन को खाली कराना पड़ा. पूरा जाखन गांव भू-धंसाव की चपेट में है, जिस कारण वहां पर कई घर और गौशालाएं जमींदोज हो गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.