हल्द्वानी: जोशीमठ में हुए भू-धंसाव (joshimath landslide) के बाद नैनीताल जिले में भी संवेदनशील इलाकों को चिन्हित कर उनके सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं. नैनीताल जिले में बलियानाला, ज्योलीकोट क्षेत्र में कई गांव ऐसे हैं जो भूस्खलन की चपेट में आ सकते हैं. साथ ही आलूखेत और ढुंगशील का भी सर्वे किया गया है. लिहाजा जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के बाद वैज्ञानिकों द्वारा जियोलाजिकल सर्वे किया जा रहा है.
इसके अलावा जहां भूस्खलन प्रभावित गांव हैं, उनके विस्थापित किए जाने की कार्रवाई में भी तेजी आ रही है. इसके लिए कृषि और सिंचाई विभाग को भी बजट जारी किया जा रहा है. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा जल्द ही सर्वे का काम पूरा होने के बाद शासन को रिपोर्ट भेजकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
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जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया बलियानाला क्षेत्र में भारी भूस्खलन हो रहा है. जिसके चलते पहाड़ का हिस्सा लगातार गिर रहा है. ऐसे में वहां पर कई परिवारों को खतरा बना हुआ है. जिनको सुरक्षित जगह पर विस्थापन किया जाएगा. साथ ही भूस्खलन प्रभावित पहाड़ का ट्रीटमेंट करना पहली प्राथमिकता है. बलियानाला पहाड़ का 200 करोड़ से ट्रीटमेंट होना है. जिसके लिए कुछ बजट भी जारी हो गया है. वैज्ञानिक विधि से पहाड़ का ट्रीटमेंट किया जाना है. जिससे कि भविष्य में किसी तरह का कोई भूस्खलन नहीं हो.
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल (District Magistrate Dhiraj Singh Garbyal) ने कहा लैंडस्लाइड वाले प्रभावित क्षेत्र में करीब 80 परिवार हैं, जिनका विस्थापन किया जाना है. उसके लिए जगह भी चयनित करने की कार्रवाई चल रही है. कुछ परिवारों को नगर पालिका के बिल्डिंग में शिफ्ट की कार्रवाई की गई थी. लेकिन वह लोग वहां पर जाने को राजी नहीं हैं.
ऐसे में अब भूस्खलन की चपेट में आ रहे करीब 80 परिवारों को जल्द विस्थापित किया जाएगा. इसके अलावा जीआईसी बालिका इंटर कॉलेज को भी वहां से शिफ्ट किया जाएगा. उन्होंने कहा बरसात से पहले बलियानाला पहाड़ का ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाएगा.