नैनीताल: भले ही उत्तराखंड में राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लाख दावे करें लेकिन राज्य सरकार के यह सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल क्षेत्र में करीब 1264 प्राइमरी स्कूल अब बंदी के कगार पर जा पहुंचे हैं. इन स्कूलों में छात्र संख्या 10 से कम रह गई है. जिस वजह से अब इन स्कूलों के सामने बड़ा खतरा मंडरा रहा है.
वहीं, मंडलिया अपर निर्देशक रघुनाथ आर्य बताते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार पलायन हो रहा है, लोग अपने बच्चों को लेकर मैदानी क्षेत्रों की तरफ रुख कर रहे हैं. जिस वजह से आज पहाड़ों के स्कूल बंदी की कगार पर जा पहुंचे हैं. इतना ही नहीं वीआईपी जिला नैनीताल में 3 प्राइमरी स्कूल आज बंद हो चुके हैं जबकि 14 स्कूलों को छात्र संख्या कम होने के चलते आपस में विलय कर दिया गया है.
कुमाऊं के 6 जिलों की स्थिति दयनीय
- अल्मोड़ा: 184
- बागेश्वर : 12
- चंपावत: 46
- नैनीताल: 18
- पिथौरागढ़: 179
- उधम सिंह नगर: 4 प्राइमरी स्कूल बंद हो चुके हैं.
इन जिलों के इतने स्कूल में में हैं 10 से कम छात्र
- अल्मोड़ा: 488
- बागेश्वर: 135
- चंपावत: 121
- नैनीताल: 157
- पिथौरागढ़: 340
- उधम सिंह नगर: 23 स्कूलों में छात्र संख्या 10 से कम रह गई है, जो कभी भी बंद हो सकते हैं.