हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुमाऊं के 20 बच्चों ने साबित कर दिया कि हुनर उम्र की मोहताज नहीं होती है. उत्तराखंड में पहली बार ऐसा हुआ है कि 8 से 15 साल के बच्चों ने करीब 150 पेज की बुक लिखी हो. हल्द्वानी के ट्विन विन अकादमी (Twin Win Academy) स्कूल के बच्चों ने आशावादी कहानियों (optimistic stories) पर संग्रहित THE SHEEN OF HOPE (द शीन ऑफ होप) नाम की पुस्तक लिखी है.
मशहूर लेकर वैभव पांडे की गाइडेंस में पिछले 6 महीने से यह बच्चे बुक लिखने की कला पर काम कर रहे थे. इन बच्चों का कई जानी मानी हस्तियों ने इंटर्व्यू भी लिया है. इसके अलावा यह बच्चे गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम भी करते हैं. करियर काउंसलर अंशुल वशिष्ठ, शिक्षाविद मयंक गर्ग जैसे कई लोग इन बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं. बुक लिखने वाले सभी बच्चों ने इन गरीब बच्चों से प्रेरणा लेकर ही बुक लिखी है.
वहीं, यह किताब अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है. इन 20 बच्चों में 18 बच्चे उत्तराखंड के अलग अलग जिलों के है, जबकि 2 बच्चे रिधा रंजन पश्चिम बंगाल और वेनावी वशिष्ट दिल्ली की रहने वाली है. इन बच्चों में सबसे छोटा उत्तराखंड का रुद्रांश पांडे (8) और सबसे बड़ा उत्तराखंड का ही विश्वेश हरिया (15) के हैं.
बच्चों के नामः अरव टिक्कू, श्रेष्ठ चंद्रा, जानवी परगईं, निलय खेतवाल, यशश्विनी राय अध्य्यन रौतेला, सात्विक रौतेला, अर्थ अग्रवाल, निष्का खंडेलवाल, ईशीता खंडेलवाल, विश्वेश हरिया आदित्रि हरिया, देविना सांगा, गौरी सांगा, अदिति जुयाल, श्रद्धा रंजन, रुद्रांश पांडेय, मौलिक पांडेय, वैनावी वशिष्ठ, कुमकुम बोरा.