नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में शनिवार को 16वां दीक्षांत समारोह मनाया गया है. इस दौरान 62 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल दिए गए. वहीं, चार छात्राओं को गौरी देवी मेडल से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा 150 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई.
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सभी छात्रों को डिग्री और मेडल दिए. दीक्षांत समारोह ने कुमाऊं विश्वविद्यालय की ओर से इस बार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर सौमित्र रावत को डी.लिट की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया.
विश्वविद्यालय की तरफ से पत्रकार रजत शर्मा को भी मानद उपाधि दी जानी थी, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से रजत शर्मा नैनीताल नहीं पहुंच सके. जिस वजह से उनको डिग्री नहीं दी जा सकी.
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इस दौरान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने छात्रों से कहा कि देश की संस्कृति, संप्रदाय और जीवनशैली भले ही अलग हो लेकिन राष्ट्र एक है. सभी को एक दूसरे की विचारधारा का सम्मान करना चाहिए और व्यक्ति को अपने लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना चाहिए.
राज्यपाल मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड के कॉलेजों में मोबाइल के प्रयोग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लग जाना चाहिए ताकि पढ़ाई का स्तर सुधर सके. इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि देश के विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को आज कुमाऊं विश्वविद्यालय की और से सम्मानित किया गया, जो विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है.