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कुमाऊं की शांत वादियों में घुला अपराध का जहर, 1240 शवों की नहीं हो पाई शिनाख्त

कुमाऊं की शांत वादियों में अब अपराध का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है. मंडल के 6 जिलों में अभी भी 1,240 अज्ञात लाशों की शिनाख्त नहीं हो पाई है.

कुमाऊं
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Published : Jan 31, 2020, 12:59 PM IST

Updated : Jan 31, 2020, 1:27 PM IST

हल्द्वानीः कुमाऊं की शांत वादियां अब अपराधियों की पनाहगार बन चुकी हैं. बात कुमाऊं मंडल की करें तो राज्य गठन से अभी तक कुमाऊं मंडल के 6 जिलों में अभी भी 1,240 अज्ञात लाशों की शिनाख्त नहीं हो पाई है, जिनको अपनों की तलाश है. यही नहीं इन अज्ञात लाशों में सबसे ज्यादा 517 अज्ञात लाशें नैनीताल जनपद में बरामद हुई हैं, जबकि दूसरे नंबर पर उधम सिंह नगर है.

कुमाऊं में बढ़ रहा अपराध.

कुमाऊं की शांत वादियों में अब अपराध का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हत्या हो या बलात्कार, लूट हो या डकैती, सभी घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है. बात कुमाऊं मंडल के 6 जिलों की करें तो उत्तराखंड गठन के बाद से अभी तक 1240 अज्ञात लाशें मिली हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है.

यही नहीं अधिकतर मामलों में पुलिस ने इन अज्ञात लाशों की तलाश की फाइलें भी बंद कर दी हैं. इन अज्ञात लाशों में 979 पुरुष हैं जबकि 161 महिलाएं भी शामिल हैं. बात नैनीताल जनपद की करें तो 517 अज्ञात लाश हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है, जिसमें 74 महिलाएं हैं जबकि 443 पुरुष हैं.

उधम सिंह नगर में 463 लाशों में 60 महिलाएं जबकि 403 पुरुष हैं. अल्मोड़ा जनपद में 27 अज्ञात लाशों में 2 महिला और 25 पुरुष हैं. पिथौरागढ़ 43 लाशों में 39 पुरुष और 2 महिलाएं, चंपावत में 183 लाशों में 182 पुरुष और 21 महिलाएं, बागेश्वर में 7 लाशें हैं जिसमें सातों पुरूष हैं.

दूसरी ओर डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी का कहना है कि अज्ञात लाशों के अपनों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा कई टीमें गठित की गई हैं और पिछले 2 महीनों से इस पर पुलिस काम भी कर रही है. जिन थाना क्षेत्रों में लोगों की गुमशुदगी दर्ज है वहां से संपर्क साधा जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः पंजाब पुलिस ने महिला को किया गिरफ्तार, ₹14 लाख के चेक बाउंस का आरोप

गौरतलब है कि उधम सिंह नगर से उत्तर प्रदेश के जिले लगे हुए हैं. ऐसे में अपराधी अपराध कर उत्तराखंड में अज्ञात शव को फेंक जाते हैं. यही नहीं नैनीताल की सुंदर वादियों में पर्यटन के नाम पर अज्ञात शवों को यहां पर लाकर ठिकाने लगाने का भी काम किया जाता है, लेकिन पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन अज्ञात लाशों की शिनाख्त की है.

हल्द्वानीः कुमाऊं की शांत वादियां अब अपराधियों की पनाहगार बन चुकी हैं. बात कुमाऊं मंडल की करें तो राज्य गठन से अभी तक कुमाऊं मंडल के 6 जिलों में अभी भी 1,240 अज्ञात लाशों की शिनाख्त नहीं हो पाई है, जिनको अपनों की तलाश है. यही नहीं इन अज्ञात लाशों में सबसे ज्यादा 517 अज्ञात लाशें नैनीताल जनपद में बरामद हुई हैं, जबकि दूसरे नंबर पर उधम सिंह नगर है.

कुमाऊं में बढ़ रहा अपराध.

कुमाऊं की शांत वादियों में अब अपराध का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हत्या हो या बलात्कार, लूट हो या डकैती, सभी घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है. बात कुमाऊं मंडल के 6 जिलों की करें तो उत्तराखंड गठन के बाद से अभी तक 1240 अज्ञात लाशें मिली हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है.

यही नहीं अधिकतर मामलों में पुलिस ने इन अज्ञात लाशों की तलाश की फाइलें भी बंद कर दी हैं. इन अज्ञात लाशों में 979 पुरुष हैं जबकि 161 महिलाएं भी शामिल हैं. बात नैनीताल जनपद की करें तो 517 अज्ञात लाश हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है, जिसमें 74 महिलाएं हैं जबकि 443 पुरुष हैं.

उधम सिंह नगर में 463 लाशों में 60 महिलाएं जबकि 403 पुरुष हैं. अल्मोड़ा जनपद में 27 अज्ञात लाशों में 2 महिला और 25 पुरुष हैं. पिथौरागढ़ 43 लाशों में 39 पुरुष और 2 महिलाएं, चंपावत में 183 लाशों में 182 पुरुष और 21 महिलाएं, बागेश्वर में 7 लाशें हैं जिसमें सातों पुरूष हैं.

दूसरी ओर डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी का कहना है कि अज्ञात लाशों के अपनों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा कई टीमें गठित की गई हैं और पिछले 2 महीनों से इस पर पुलिस काम भी कर रही है. जिन थाना क्षेत्रों में लोगों की गुमशुदगी दर्ज है वहां से संपर्क साधा जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः पंजाब पुलिस ने महिला को किया गिरफ्तार, ₹14 लाख के चेक बाउंस का आरोप

गौरतलब है कि उधम सिंह नगर से उत्तर प्रदेश के जिले लगे हुए हैं. ऐसे में अपराधी अपराध कर उत्तराखंड में अज्ञात शव को फेंक जाते हैं. यही नहीं नैनीताल की सुंदर वादियों में पर्यटन के नाम पर अज्ञात शवों को यहां पर लाकर ठिकाने लगाने का भी काम किया जाता है, लेकिन पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन अज्ञात लाशों की शिनाख्त की है.

Intro:sammry- अज्ञात शवोका पनाहगाह बना कुमाऊं मंडल 1240 अज्ञात शवों को अभी भी अपनों का है इंतजार। ( इस खबर में बाइट मोजो से जबकि विजुअल मेल से उठाये) एंकर- उत्तराखंड के साथ शांत वादी अपराधियों का अपराध का पनाहगाह बन चुका है। बात कुमाऊं मंडल की करे तो राज्य गठन से अभी तक कुमाऊं मंडल के 6 जिलों में अभी भी 1240 अज्ञात लाशों की शिनाख्त नहीं हो पाई है जिनको अपनों की तलाश है। यही नहीं इन अज्ञात लाशों में सबसे ज्यादा 517 अज्ञात लाशें नैनीताल जनपद में बरामद हुई है जबकि दूसरे नंबर पर उधम सिंह नगर है।


Body:कुमाऊ के शांत वादियों में अब अपराध का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हत्या हो या बलात्कार लूट हो डकैती घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है। बात कुमाऊं मंडल की 6 जिलों की करे तो उत्तराखंड गठन के बाद से अभी तक 1240 अज्ञात लाशें है । जिनकी पहचान नहीं हो पाई है । यही नहीं अधिकतर मामलों ने मामलों में पुलिस ने इन अज्ञात लाशों की तलाश की फाइलें भी बंद कर दी है। इन अज्ञात लाशों में 979 पुरुष है जबकि 161 महिलाएं भी शामिल है। बात नैनीताल जनपद की करे तो 517 अज्ञात लाश से हैं जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है, जिसमें 74 महिलाएं हैं जबकि 443 पुरुष हैं। उधम सिंह नगर 463 लाशो में 60 महिलाएं जबकि 403 पुरुष है। अल्मोड़ा जनपद में 27 अज्ञात लाशों में 2 महिला और 25 पुरुष है। पिथौरागढ़ 43 लाशें 39 पुरुष 2 महिलाएं, चंपावत 183 लाशें 182 पुरुष 21 महिलाएं बागेश्वर 7 लाशें, है जिसमे सातो पुरूष है।


Conclusion:डीआईजी कुमाऊ जगतराम जोशी का कहना है कि अज्ञात लाशों की अपनों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा कई टीमें गठित की गई है और पिछले 2 महीनों से इस पर पुलिस काम भी कर रही है जिन थाना क्षेत्रों में लोगों की गुमशुदगी दर्ज है वहां से संपर्क साधा जा रहा है। डीआईजी के मुताबिक फिलहाल अज्ञात शव की शिनाख्त में सफलता तो नहीं मिल पा रही है लेकिन पुलिस इस पर लगातार काम कर रही है। वाइट -जगतराम जोशी डीआईजी कुमाऊं गौरतलब है कि उधम सिंह नगर उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले से लगे हुए क्षेत्र हैं ऐसे में अपराधी अपराध कर उत्तराखंड में अज्ञात शव को फेंक जाते हैं यही नहीं नैनीताल के सुंदर वादियों में पर्यटन के नाम पर अज्ञात शवो को यहां पर लाकर ठिकाने लगाने का भी काम किया जाता है। लेकिन पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती इन अज्ञात लाशों की शिनाख्त की है।
Last Updated : Jan 31, 2020, 1:27 PM IST
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