हल्द्वानी: उत्तराखंड में बालिकाओं से होने वाली दुराचार की घटनाएं (mistreatment of girl child) लगातार साल दर साल बढ़ती जा रही हैं. ताजा आंकड़ों की बात करें तो कुमाऊं मंडल में 2022 जनवरी से अप्रैल 4 महीने में 120 घटनाएं सामने आई हैं. इसमें बालिकाओं के साथ दुराचार और छेड़छाड़ के मामले सामने आए हैं. इन सभी मामलों में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है. बालिकाओं के साथ बढ़ती घटनाओं पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल (State Women Commission chairperson Kusum Kandwal) ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि बालिकाओं के साथ होने वाले अपराध में अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा.
डीआईजी कैंप कार्यालय कुमाऊं मंडल से मिली जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष 2022 में जनवरी से अप्रैल माह तक 120 बालिकाओं के साथ दुराचार की घटनाएं सामने आई हैं. सबसे अधिक मामले उधमसिंह नगर के 73, नैनीताल के 34, अल्मोड़ा के 5, पिथौरागढ़ के 6 और चंपावत के 2 मामले सामने आए हैं. जबकि बागेश्वर में एक भी मामला सामने नहीं आया है.
हर साल बढ़ रहा है आंकड़ाः 2020 में कुमाऊं मंडल में 72 घटनाएं सामने आई. जिसमें नैनीताल के 19, उधमसिंह नगर के 33, अल्मोड़ा में 2, बागेश्वर में 6, पिथौरागढ़ में 6 और चंपावत में 3 मामले सामने आए. वहीं 2021 में किशोरियों के साथ दुष्कर्म की 211 घटनाएं सामने आई. जिसमें नैनीताल में 21, उधमसिंह नगर से 65, अल्मोड़ा में 8, बागेश्वर में 3, पिथौरागढ़ में 10, चंपावत में 2 मामले सामने आए.
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राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का कहना है कि बालिकाओं के साथ अपराध को लेकर राज्य महिला आयोग भी चिंतित है. लगातार बढ़ रही घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को भी निर्देशित किया गया है कि वह बालिकाओं के मामले में आरोपियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करें, जिससे कि समय रहते बालिकाओं को न्याय मिल सके.