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उत्तराखंड बोर्ड का अजब-गजब रिजल्ट, परीक्षा देने वाले फेल और न देने वाले पास!

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Published : Aug 13, 2020, 6:44 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 7:22 PM IST

उत्तराखंड बोर्ड के परीक्षा परिणामों में कुछ अजब-गजब नतीजे निकलकर सामने आए हैं. यहां जीव-विज्ञान की परीक्षा न देने वाले छात्र तो पास हो गये, मगर परीक्षा देने वाले 12% छात्र फेल बताये गए हैं जबकि वो अन्य विषयों में पास हैं.

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उत्तराखंड बोर्ड का अजब-गजब रिजल्ट

रामनगर: कोरोना काल मे बहुत कुछ अजब-गजब देखने को मिला है. उत्तराखंड बोर्ड भी इसमें कुछ पीछे नहीं रहा है. 12वीं की जीव-विज्ञान की परीक्षा कुछ स्थानों पर कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण नहीं हो पायी थी. कोरोना के चलते जो परीक्षार्थी बाहरी राज्य में फंसे थे या क्वारंटाइन किये गये थे, वो परीक्षा नहीं दे पाये थे. उन्हें अन्य सब्जेक्ट्स में प्राप्त सबसे अधिक नंबरों के आधार पर ही इस विषय में उतने नंबर देकर शासनादेश के अनुसार पास कर दिया गया. लेकिन जिन परीक्षार्थियों ने इस विषय में परीक्षा दी, उनमें से 12% छात्र फेल हो गए जबकि ये छात्र-छात्राएं अन्य विषयों में पास हैं.

उत्तराखंड बोर्ड का अजब-गजब रिजल्ट

प्रभारी सचिव बृजमोहन सिंह रावत ने बताया कि यह प्रकरण चंपावत जिले से सामने आया है. उन्होंने बताया कि कई बच्चों ने मार्च महीने में हुई परीक्षाओं को पूरा दिया था लेकिन वो कोविड 19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बीच जून में बाकी बची परीक्षा में शामिल नहीं हो सके थे. उनके लिए शासनादेश जारी किया गया था. यह व्यवस्था की गई थी कि उनके द्वारा दी गई परीक्षाओं में से तीन टॉप सब्जेक्ट होंगे, उसके अनुसार ही उन्हें अंक प्रदान कर दिए जाएंगे.

पढ़ें- भक्तिमय जुबिन: भजनों की सीडी लॉन्च, महाकुंभ 2021 से पहले लेकर आएंगे शिव तांडव स्त्रोत

परीक्षाओं में शामिल न हो पाने वाले छात्रों को एवरेज के आधार पर अंक दिये गये. उन्हें इसी का लाभ मिला है. वहीं, जिन बच्चों ने जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र की परीक्षा दी थी, उनका मूल्यांकन उनके द्वारा दिए गए पेपर के आधार पर ही हुआ है न की एवरेज के आधार पर, जिसके कारण वो फेल हुए हैं.

रामनगर: कोरोना काल मे बहुत कुछ अजब-गजब देखने को मिला है. उत्तराखंड बोर्ड भी इसमें कुछ पीछे नहीं रहा है. 12वीं की जीव-विज्ञान की परीक्षा कुछ स्थानों पर कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण नहीं हो पायी थी. कोरोना के चलते जो परीक्षार्थी बाहरी राज्य में फंसे थे या क्वारंटाइन किये गये थे, वो परीक्षा नहीं दे पाये थे. उन्हें अन्य सब्जेक्ट्स में प्राप्त सबसे अधिक नंबरों के आधार पर ही इस विषय में उतने नंबर देकर शासनादेश के अनुसार पास कर दिया गया. लेकिन जिन परीक्षार्थियों ने इस विषय में परीक्षा दी, उनमें से 12% छात्र फेल हो गए जबकि ये छात्र-छात्राएं अन्य विषयों में पास हैं.

उत्तराखंड बोर्ड का अजब-गजब रिजल्ट

प्रभारी सचिव बृजमोहन सिंह रावत ने बताया कि यह प्रकरण चंपावत जिले से सामने आया है. उन्होंने बताया कि कई बच्चों ने मार्च महीने में हुई परीक्षाओं को पूरा दिया था लेकिन वो कोविड 19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बीच जून में बाकी बची परीक्षा में शामिल नहीं हो सके थे. उनके लिए शासनादेश जारी किया गया था. यह व्यवस्था की गई थी कि उनके द्वारा दी गई परीक्षाओं में से तीन टॉप सब्जेक्ट होंगे, उसके अनुसार ही उन्हें अंक प्रदान कर दिए जाएंगे.

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परीक्षाओं में शामिल न हो पाने वाले छात्रों को एवरेज के आधार पर अंक दिये गये. उन्हें इसी का लाभ मिला है. वहीं, जिन बच्चों ने जीव विज्ञान के प्रश्न पत्र की परीक्षा दी थी, उनका मूल्यांकन उनके द्वारा दिए गए पेपर के आधार पर ही हुआ है न की एवरेज के आधार पर, जिसके कारण वो फेल हुए हैं.

Last Updated : Aug 13, 2020, 7:22 PM IST
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