रुड़की: सरकार के दावों की हकीकत अगर देखनी हो तो ढंडेरा गांव में देखी जा सकती है. जहां प्रदेश गठन से अब तक लोग जलभराव की समस्या से बाहर नहीं निकल पाए हैं. जबकि, स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर विधायक, मुख्यमंत्री से लेकर सांसदों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ढंडेरा गांव के लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. वहीं, शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते अब लोग हारकर आमरण अनशन पर बैठ गए है लेकिन, 7 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है.
बता दें कि ढंडेरा गांव में पिछले 20 सालों से जलभराव की समस्या लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है. स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. ऐसे में अब लोगों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.
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वहीं, स्थानीय लोगों ने कहना है कि पिछले दो दशक वो इस समस्या से जूझ रहे हैं. जलभराव के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने बड़ी समस्या बनी रहती है. इसके साथ ही व्यापारी वर्ग और स्थानीय लोग भी जलभराव की समस्या से परेशान है, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं. ऐसे में अब स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.