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ये सड़क है या तालाब गच्चा खा जाएंगे आप

रुड़की के ढंडेरा गांव में पिछले 20 सालों से जलभराव की समस्या लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है. स्थानीय लोगों ने समस्या की गुहार तमाम जनप्रतिनिधियों से लगाई लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका.

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20 साल से तालाब में तब्दील है ये सड़क
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Published : Dec 22, 2019, 12:59 PM IST

रुड़की: सरकार के दावों की हकीकत अगर देखनी हो तो ढंडेरा गांव में देखी जा सकती है. जहां प्रदेश गठन से अब तक लोग जलभराव की समस्या से बाहर नहीं निकल पाए हैं. जबकि, स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर विधायक, मुख्यमंत्री से लेकर सांसदों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ढंडेरा गांव के लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. वहीं, शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते अब लोग हारकर आमरण अनशन पर बैठ गए है लेकिन, 7 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है.

20 साल से तालाब में तब्दील है सड़क.

बता दें कि ढंडेरा गांव में पिछले 20 सालों से जलभराव की समस्या लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है. स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. ऐसे में अब लोगों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.

ये भी पढ़े: देवभूमि में CAA और NRC को लेकर विरोध शुरू, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

वहीं, स्थानीय लोगों ने कहना है कि पिछले दो दशक वो इस समस्या से जूझ रहे हैं. जलभराव के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने बड़ी समस्या बनी रहती है. इसके साथ ही व्यापारी वर्ग और स्थानीय लोग भी जलभराव की समस्या से परेशान है, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं. ऐसे में अब स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

रुड़की: सरकार के दावों की हकीकत अगर देखनी हो तो ढंडेरा गांव में देखी जा सकती है. जहां प्रदेश गठन से अब तक लोग जलभराव की समस्या से बाहर नहीं निकल पाए हैं. जबकि, स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर विधायक, मुख्यमंत्री से लेकर सांसदों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ढंडेरा गांव के लोगों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है. वहीं, शासन-प्रशासन की उदासीनता के चलते अब लोग हारकर आमरण अनशन पर बैठ गए है लेकिन, 7 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है.

20 साल से तालाब में तब्दील है सड़क.

बता दें कि ढंडेरा गांव में पिछले 20 सालों से जलभराव की समस्या लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है. स्थानीय लोग इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. ऐसे में अब लोगों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.

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वहीं, स्थानीय लोगों ने कहना है कि पिछले दो दशक वो इस समस्या से जूझ रहे हैं. जलभराव के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने बड़ी समस्या बनी रहती है. इसके साथ ही व्यापारी वर्ग और स्थानीय लोग भी जलभराव की समस्या से परेशान है, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं. ऐसे में अब स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है.

Intro:रूड़की

रूड़की: सरकार के दावों की हकीकत अगर देखनी हो तो रुड़की के ढंडेरा गांव में देखी जा सकती है जहां प्रदेश गठन से आज तक लोग जलभराव की समस्या से बाहर नहीं निकल पाए हैं स्थानीय विधायक सांसद सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों से लगाई गई गुहार ढंडेरा गांव के लोगों की समस्या दूर नहीं कर पाई थक हार कर लोगों ने आमरण अनशन पर बैठने का मन बनाया लेकिन 7 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी।


Body:बता दें कि रुड़की के ढंडेरा गांव में पिछले 20 सालों से जलभराव की समस्या लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई है स्थानीय लोगों ने इस गंभीर समस्या की गुहार स्थानीय प्रशासन से लेकर सचिवालय और तमाम जनप्रतिनिधियों से लगाई लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया थक हार कर स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए और आमरण अनशन शुरू कर दिया पिछले 7 दिनों से अनशन पर बैठे स्थानीय लोगों की आवाज प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के कानों तक नहीं पहुंची अभी तक ना तो प्रशासन के किसी नुमाइंदे ने और ना ही किसी जनप्रतिनिधि ने अनशन पर बैठे लोगों की सुध लेने की जहमत गवारा नहीं की।


Conclusion:वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले 20 सालों से वह इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और समस्या के प्रति संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन समस्या आज तक जस की तस बनी हुई है जलभराव के कारण तमाम तरह की दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने बड़ी समस्या बनी हुई है इसके साथ ही व्यापारी वर्ग और स्थानीय लोग जलभराव से प्रभावित है लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है अब स्थानीय लोगों ने आर-पार की लड़ाई का मन बनाते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया है वहीं पिछले 7 दिनों से धरना स्थल पर अनशन जारी है लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा है।

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