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सरकारी नियंत्रण से मुक्त हों मंदिर, देवस्थानम बोर्ड हो रद्द, संतों ने केंद्र को दिया एक महीने का वक्त - केंद्र सरकार

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने देशभर में मंदिरों के अधिग्रहण और देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam board) को रद्द करने की मांग उठाई है. संतों ने सरकार को इस पर विचार करने के लिए एक महीने का समय दिया है.

Devasthanam board
मंदिर अधिग्रहण और देवस्थानम बोर्ड को लेकर संतों की बैठक
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Published : Nov 22, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 7:21 PM IST

हरिद्वार: कृषि कानून रद्द किए जाने के बाद उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) को रद्द किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. साधु-संतों ने बैठक कर केंद्र सरकार से देश के सभी धर्म स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के साथ-साथ उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की है. संतों ने सरकार को इस पर विचार करने के लिए एक महीने का समय दिया है.

एक दिन पहले दिल्ली में हुई संतों की बड़ी बैठक के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष (महानिर्वाणी) रविंद्र पुरी ने बताया कि संतों ने बैठक में केंद्र सरकार से देश में अंग्रेजों के समय बने मंदिर अधिग्रहण के कानूनों को रद्द किये जाने की मांग की है, साथ ही ये भी मांग है कि मंदिरों के संचालन की समस्त जिम्मेदारियां वहां के स्थानीय संतों और ब्राह्मणों को दी जाए. इस संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा.

मंदिर अधिग्रहण और देवस्थानम बोर्ड को लेकर संतों की बैठक

पढ़ें- देहरादून में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी, आरोपी ने युवती से 3.50 लाख रुपए ठगे

रविंद्र पुरी ने कहा देश में मंदिरों के लिए अंग्रेजों के समय बने मंदिर अधिग्रहण कानूनों को रद्द किए जाने के लिए साधु-संतों ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है. केंद्र सरकार से आगामी 25 दिसंबर तक देश के समस्त मठ-मंदिरों से सरकारी अधिग्रहण को समाप्त करने की मांग की गई है. साथ ही उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू किये गये देवस्थानम बोर्ड की भी जल्द से जल्द रद्द करने को कहा गया है.

पढ़ें- देहरादून में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी, आरोपी ने युवती से 3.50 लाख रुपए ठगे

उन्होंने कहा, आगामी विधानसभा सत्र से पहले अगर प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को रद्द नहीं किया तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद उत्तराखंड के स्थानीय निवासियों और मंदिरों के हक-हकूकधारी ब्राह्मणों के साथ खड़ा हो जाएगा.

हरिद्वार: कृषि कानून रद्द किए जाने के बाद उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) को रद्द किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. साधु-संतों ने बैठक कर केंद्र सरकार से देश के सभी धर्म स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के साथ-साथ उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की है. संतों ने सरकार को इस पर विचार करने के लिए एक महीने का समय दिया है.

एक दिन पहले दिल्ली में हुई संतों की बड़ी बैठक के बाद अखाड़ा परिषद अध्यक्ष (महानिर्वाणी) रविंद्र पुरी ने बताया कि संतों ने बैठक में केंद्र सरकार से देश में अंग्रेजों के समय बने मंदिर अधिग्रहण के कानूनों को रद्द किये जाने की मांग की है, साथ ही ये भी मांग है कि मंदिरों के संचालन की समस्त जिम्मेदारियां वहां के स्थानीय संतों और ब्राह्मणों को दी जाए. इस संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा.

मंदिर अधिग्रहण और देवस्थानम बोर्ड को लेकर संतों की बैठक

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रविंद्र पुरी ने कहा देश में मंदिरों के लिए अंग्रेजों के समय बने मंदिर अधिग्रहण कानूनों को रद्द किए जाने के लिए साधु-संतों ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है. केंद्र सरकार से आगामी 25 दिसंबर तक देश के समस्त मठ-मंदिरों से सरकारी अधिग्रहण को समाप्त करने की मांग की गई है. साथ ही उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू किये गये देवस्थानम बोर्ड की भी जल्द से जल्द रद्द करने को कहा गया है.

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उन्होंने कहा, आगामी विधानसभा सत्र से पहले अगर प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को रद्द नहीं किया तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद उत्तराखंड के स्थानीय निवासियों और मंदिरों के हक-हकूकधारी ब्राह्मणों के साथ खड़ा हो जाएगा.

Last Updated : Nov 22, 2021, 7:21 PM IST

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