हरिद्वारः उत्तराखंड के जोशीमठ में भूं-धसाव और दरार पड़ने के बाद राज्य और केंद्र सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है. जोशीमठ में रहने वाले लोगों को विस्थापित करने की रूपरेखा तैयार की जा रही है. जिससे जान माल का नुकसान होने से बचाया जा सके. प्रभावितों के विस्थापन के लिए उत्तराखंड वित्त विभाग ने 45 करोड़ रुपए जारी कर दी है. जिससे प्रभावितों का विस्थापन समेत अन्य कार्य किए जाएंगे. यह जानकारी वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दी है.
हरिद्वार में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जोशीमठ आपदा को लेकर राज्य और केंद्र सरकार गंभीर है. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सरकार की ओर से लगातार कार्य किया जा रहा है. वहां रहने वाले लोगों की राहत राशि बढ़ाई जा रही है और लोगों को विस्थापित करने के लिए कार्य किया जा रहा है. इन कार्यों के लिए 45 करोड़ रुपए वित्त विभाग से जारी किया गया है. जिससे जोशीमठ के लोगों को राहत मिल सके.
ये भी पढ़ेंः Joshimath Sinking: राहत राशि और मुआवजे पर है कंफ्यूजन? पढ़ें पूरी खबर
बता दें कि जोशीमठ में लगातार जमीन धंस रही है. साथ ही घरों पर दरारें पड़ रही है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा की मानें तो अभी तक 760 घरों में दरारें पड़ चुकी है. इसके अलावा 128 भवन बेहद असुरक्षित जोन में हैं. जिन्हें प्राथमिकता से खाली कराया जा रहा है. वहीं, प्रभावित परिवारों को 1.5 लाख की अंतरिम सहायता में से एक लाख पुनर्वास के तहत क्षतिग्रस्त हुए भवन स्वामियों को अग्रिम दी जा रही है, जिसे फाइनल पैकेज में शामिल किया जाएगा. जबकि, 50 हजार रुपए तत्कालिक रूप से घर शिफ्ट करने के लिए दी जा रही है.
उधर, जोशीमठ में होटल मलारी इन और माउंट व्यू को गिराने का काम जा रही है. इन दोनों होटलों में काफी दरारें पड़ी हुईं हैं. स्थानीय लोग भवनों को गिराने का विरोध कर रहे थे, लेकिन सरकार और प्रशासन के आश्वासन एवं मुआवजे की राशि तय करने पर लोग मान गए. अब प्रशासन इन होटलों को तोड़ने में जुट गया है.